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Friday, May 10, 2024
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बिहार की तर्ज पर अब झारखंड में भी होगी जाति आधारित गणना, मुख्यमंत्री ने दी मंजूरी

Jharkhand Caste Based Census

रांची : बिहार के बाद झारखंड में भी अब जाति आधारित गणना होगी। मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने इसकी मंजूरी दे दी है। कार्मिक विभाग के जिम्मे जातीय गणना का कार्य होगा। राज्य कार्यपालिका नियमावली में गणना का काम भूमि एवं राजस्व सुधार विभाग को आवंटित है लेकिन जाति आधारित गणना का काम कार्यपालिका नियमावली में किसी विभाग को आवंटित नहीं था।

मुख्यमंत्री के आदेश के बाद सरकार ने यह गतिरोध दूर कर लिया है। सरकार की मंजूरी के बाद अब कार्मिक विभाग जातीय गणना को लेकर प्रस्ताव तैयार करेगा। बिहार के बाद झारखंड देश का दूसरा राज्य है, जहां जातीय गणना कराई जाएगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को इस बात की जानकारी दी है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को यह भी आदेश दे दिया है कि वो इसके संबंध में ड्राफ्ट तैयार करे।

मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि जातीय गणना कराए जाने को लेकर एसओपी बनाया जाए और इसे अप्रूवल के लिए कैबिनेट के पास रखा जाये। सीनियर अधिकारी ने कहा कि यदि सबकुछ योजना के मुताबिक हुआ तो लोकसभा चुनाव के बाद जातीय गणना का काम शुरू कर दिया जायेगा। राज्य में जातीय गणना को लेकर सीएम चम्पाई सोरेन ने एक्स पर लिखा, ‘जिसकी जितनी संख्या बड़ी, उसकी उतनी हिस्सेदारी। झारखंड तैयार है।’

मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन के प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे ने बताया कि ‘कार्मिक विभाग झारखंड में सर्वे करने के लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिड्यूर (एसओपी) तैयार करेगा। इसके बाद इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। जिस तरह पड़ोसी राज्य बिहार में जातीय गणना की गयी थी उसी पैटर्न पर झारखंड में भी यह गणना की जायेगी। बिहार में पिछले दो सालों में सात जनवरी से लेकर दो अक्टूबर तक का डेटा जुटाया गया था।

विनय कुमार चौबे ने बताया कि जातीय गणना कराने के लिए ग्रामीण और कल्याण विभाग पर भी चर्चा की गयी थी लेकिन अंत में सर्वे कराने के लिए कार्मिक विभाग का नाम फाइनल किया गया है। झारखंड में जेएमएम-कांग्रेस-राजद गठबंधन की सरकार है और इस महागठबंधन के विधायक समय-समय पर विधानसभा में जातीय गणना की मांग उठाते रहे हैं। इससे पहले कांग्रेस के सीनियर लीडर राहुल गांधी ने भी अपने भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान जातीय गणना कराये जाने की वकालत की थी। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जातीय गणना का समर्थन कर चुके हैं।

बिहार में जब जातीय गणना शुरू हुई तब से ही झारखंड में भी मांग होने लगी थी। आजसू, कांग्रेस, राजद सहित अन्य दलों ने राज्य में जाति आधारित गणना कराने को लेकर सदन में मांग रखी थी। कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने भी विधानसभा में ध्यानाकर्षण के माध्यम से इस बात को उठाया था। आजसू विधायक लंबोदर महतो ने भी मांग की थी।

कांग्रेस विधायक दल के उपनेता प्रदीप यादव ने कहा कि उन्होंने शनिवार को मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन से मुलाकात कर राज्य में जातीय जनगणना कराने और पिछड़ों का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने का आग्रह किया था। मुख्यमंत्री ने तत्काल अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिया। प्रदीप यादव ने कहा कि वर्तमान गठबंधन की सरकार ने पहले भी इस इस पर गंभीरता से विचार किया था, जिसके बाद पिछड़ी जाति को सरकारी सेवाओं में 27 प्रतिशत आरक्षण प्राथमिकता के आधार पर देने संबंधी विधेयक विधानसभा से पारित कराया गया था, जो अब तक पेंडिंग है।

दरअसल, जब जाति आधारित गणना की बात विधानसभा में हुई थी तब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन थे। उन्होंने भी इसे लेकर इच्छा जतायी थी। तब यह स्पष्ट नहीं था कि जाति आधारित जनगणना कौन विभाग करायेगा। सदन में जब एटीआर पेश किया गया तब उसमें इस बात का उल्लेख था कि जाति आधारित जनगणना ग्रामीण विकास विभाग के अधीन नहीं आता है। ग्रामीण विकास विभाग ने इसके लिए मार्गदर्शन मांगा है। सदन में बताया गया कि मंत्रिमंडल सचिवालय समन्वय विभाग ग्रामीण विकास विभाग के मार्गदर्शन पर विचार कर रहा है।

Jharkhand Caste Based Census