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Monday, May 6, 2024
पलामू प्रमंडललातेहार

लातेहार में धूमधाम से निकली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा, दर्शन के लिए उमड़े श्रद्धालु

लातेहार : मंगलवार को शहर के बीचोबीच स्थित राधा कृष्ण मंदिर (ठाकुरबाड़ी) से भगवान श्री जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली गयी। इससे पूर्व मुख्य यजमान योगेश प्रसाद व उनकी पत्नी रीना देवी ने भगवान श्री जगन्नाथ, भाई बलराम व बहन सुभद्रा के विग्रहों का पूजन किया। मंदिर के महंत दिलीप उपाध्याय ने वैदिक मंत्रोच्चारण किया। इसके बाद योगेश प्रसाद सप्तनिक ने रथ की रस्सी खींचकर रथ यात्रा शुरू की। इसके बाद मंदिर परिसर में रथ खींचने वाले श्रद्धालुओं का तांता लग गया।

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रथ यात्रा शहर के मुख्य मार्ग से होते हुए थाना चौक पहुंची। इसके बाद बायपास चौक और मानस पथ होते हुए काली मंदिर मोड़ तक गयी। इसके बाद मुख्य सड़क से वापस बाजारटांड़ स्थित मौसी बाड़ी पहुंची। यहां भगवान जगन्नाथ नौ दिनों तक रहेंगे। इसके बाद वापसी करेंगे।

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मौके पर पवन कुमार गुप्ता, राजेश प्रसाद अग्रवाल, विजय प्रसाद, ब्रजेश अग्रवाल, गिरधारी प्रसाद, सुनील प्रसाद, राजन तिवारी, अंकित पांडेय व गौरव अग्रवाल समेत कई लोग मौजूद रहे।

रथयात्रा का वर्षों पुराना रहा है इतिहास

महंत पूरन दास जी महाराज ने वर्ष 1833 में लातेहार शहर के बाजारटांड़ स्थित प्राचीन शिव मंदिर से रथ यात्रा की शुरुआत की थी। वर्ष 1994 तक भगवान जगन्नाथ, माता सुभद्रा और बलराम की मूर्तियों को रथों पर चढ़ाकर प्राचीन शिव मंदिर से ही यह यात्रा निकाली जाती थी। महंत पूरन दास जी महाराज के निधन के बाद उनके वंशज महंत शरण दास, महंत जनक दास, महंत यदुवंशी दास और 1970 से महंत मुनि दास ने यह जिम्मेदारी संभाली। उस समय यह रथ यात्रा प्राचीन शिव मंदिर से शुरू होती थी और नगर भ्रमण के बाद तीनों देवता धरमपुर मौसीबाड़ी पहुंचते थे। फिर नौ दिनों के बाद तीनों देवताओं को प्राचीन शिव मंदिर में लाया जाता था। जब वर्ष 1994 में लातेहार शहर के मुख्य मार्ग में ठाकुरबाड़ी का निर्माण किया गया था, तब आम लोगों की सहमति के बाद ठाकुरबाड़ी से भगवान श्री जगन्नाथ, माता सुभद्रा और बलराम की रथयात्रा निकाली जाने लगी। लातेहार शहर के एकमात्र ठाकुरबाड़ी मंदिर से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा प्रत्येक वर्ष निकाली जाती है।