लातेहार: 10 लाख के इनामी JJMP जोनल कमांडर मनोहर और एरिया कमांडर दीपक ने किया सरेंडर
Latehar JJMP Militants Surrendered
भाजपा नेता जयवर्धन सिंह हत्याकांड में था शामिल
लातेहार : जिले के बरवाडीह प्रखंड मुख्यालय निवासी भाजपा के कद्दावर नेता जयवर्धन सिंह हत्याकांड में शामिल उग्रवादी संगठन झारखंड जन मुक्ति परिषद (जेजेएमपी) के जोनल कमांडर मनोहर परहिया उर्फ विमलेश परहिया और एरिया कमांडर दीपक भुइयां उर्फ कुंदन जी ने शुक्रवार को लातेहार पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। जोनल कमांडर मनोहर पर सरकार ने 10 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया था।
मनोहर लातेहार जिले के छिपादोहर का रहने वाला है जबकि दीपक पलामू के पांकी का रहने वाला है। आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों को पलामू आईजी राजकुमार लकड़ा, सीआरपीएफ डीआइजी पंकज कुमार, लातेहार एसपी अंजनी अंजन, सीआरपीएफ कमांडेंट वेद प्रकाश त्रिपाठी, रविशंकर मिश्रा, अभिनव आनन्द समेत अन्य अधिकारियों ने स्वागत किया।
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इस संबंध में आईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर दोनों उग्रवादियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने बताया कि दोनों उग्रवादियों ने पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारियों से संपर्क कर आत्मसमर्पण नीति के बारे में जानकारी ली। दोनों को सरकार के नई दिशा कार्यक्रम के माध्यम से आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी दी गयी। इसके बाद शुक्रवार को दोनों ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। लातेहार पुलिस के लिए यह एक बड़ी उपलब्धी है। आईजी ने इस अभियान में शामिल पूरी टीम को बधाई दी।
एसपी अंजनी अंजन ने कहा कि आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाकर मुख्यधारा में लौटने वाले नक्सलियों को पुलिस हरसंभव मदद करेगी। एसपी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाला मनोहर उग्रवादी संगठन में जोनल कमांडर के पद पर कार्यरत था। इस पर जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में नक्सली हिंसा के 13 से अधिक मामले दर्ज किये गये थे। उन्होंने बताया कि इस पर सरकार की ओर से 10 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था। पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले दोनों उग्रवादियों को सभी प्रकार की सुविधाएं मुहैया करायी जायेंगी।
सरेंडर करने वाला मनोहर परहिया बीजेपी नेता जयवर्धन सिंह की हत्या में भी शामिल रहा है। 28 सितंबर 2021 को लातेहार के सलैया जंगल में सुरक्षा बलों के साथ जेजेएमपी उग्रवादियों की मुठभेड़ हुई थी। इसमें बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार शहीद हो गये थे। इस मुठभेड़ में मनोहर भी शामिल था।
मनोहर परहिया वर्ष 2004 में सीपीआई माओवादी गिरोह में शामिल हो गया था। वह तब 13-14 साल का था। मनोहर वहां करीब 6 साल यानी 2010 तक रहा। इसके बाद वह 2011 में सीपीआई माओवादी छोड़कर जेजेएमपी संगठन में शामिल हो गया। शामिल होने के दो साल बाद उसे सब जोनल कमांडर बना दिया गया। 2018 में उपेन्द्र सिंह खरवार के सरेंडर करने के बाद उसे जोनल कमांडर बनाया गया था। जेजेएमपी के एरिया कमांडर दीपक कुमार भुइयां मनोहर परहिया के कहने पर 2018 में उग्रवादी संगठन में शामिल हुआ था।
सरेंडर करने के बाद मनोहर परहिया ने बताया कि वह अपने रास्ते से भटक गया था। अब सरकार की आत्मसमर्पण नीति का फायदा उठाकर मुख्यधारा में लौट आया। कहा कि वह मुख्यधारा में लौटकर सामाजिक कार्य करेगा।
दीपक भुइयां ने कहा कि वह मनोहर परहिया के कहने पर 2018 में शामिल हुआ था। अब वह मुख्यधारा में लौटकर अपने परिवार और समाज के साथ रहेगा। मनोहर के दो बेटे और एक बेटी है। जबकि दीपक के दो बेटे हैं। आत्मसमर्पण के दौरान दोनों उग्रवादियों के परिवार, माता-पिता और रिश्तेदार मौजूद थे।
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