Wednesday, March 19, 2025
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PTR में बाघ की मौजूदगी की पुष्टि, स्कैट सैंपल की जांच से हुआ खुलासा

Palamu Tiger Reserve News

रांची : नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ने बाघों की गणना का डेटा सार्वजनिक कर दिया है। इस जारी आंकड़ों के मुताबिक, झारखंड के पलामू टाइगर रिजर्व में एक बाघ की पुष्टि हुई है। देशभर में बाघों की आखिरी गिनती नवंबर 2022 से 22 मार्च 2023 के बीच की गयी थी। तब पलामू टाइगर रिजर्व में भी बाघों की गिनती की गयी थी। साल 2018 में जब बाघों की गिनती की गयी तो बताया गया कि पलामू टाइगर रिजर्व में एक भी बाघ नहीं है। अब एक बाघ होने की पुष्टि हो गयी है। स्केट रिपोर्ट के आधार पर बाघ की पुष्टि हुई है।

जब देश में बाघों की गिनती हो रही थी, तब झारखंड में गिनती की गयी। इस दौरान पलामू टाइगर रिजर्व की ओर से 5000 तस्वीरों का अध्ययन किया गया। गिनती के दौरान 14 स्कैट भेजे गये थे। 14 राज्यों के सैंपल में पीटीआर में 10 तेंदुए और दो बाघों की पुष्टि हुई थी। दो सैंपल खराब हो गये थे। दोनों स्कैट का डीएनए टेस्ट कराया गया। इसमें दोनों स्कैट एक ही बाघ के पाये गये।

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इस संबंध में पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक कुमार आशुतोष ने कहा कि ये 22 मार्च 2023 तक की सैंपल रिपोर्ट हैं । इसके बाद भी कई सैंपल की रिपोर्ट भेजी गयी है। यह खुशी की बात है कि यह आंकड़ा शून्य से एक हो गया है।

जानकारी के मुताबिक, झारखंड के पलामू टाइगर रिजर्व को नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सेंट्रल ईस्टर्न घाट कॉरिडोर का हिस्सा माना जाता है। नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक देशभर में बाघों की संख्या 3682 है। झारखंड में सिर्फ एक बाघ बताया गया है। इस कॉरिडोर में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान शामिल हैं। यहां बाघों की संख्या 1439 है।

झारखंड का पलामू टाइगर रिजर्व 1,129 वर्ग किमी में फैला हुआ है। इसका गठन 1974 में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत किया गया था। 1972 में 22 बाघ रिपोर्ट किये गये थे। 1995 में सर्वाधिक 71 बाघ थे। इसके बाद बाघों की संख्या लगातार घटती गयी। 1997 में 44, 2002 में 34, 2010 में 10 और 2014 में तीन बाघ रिपोर्ट किये गये।

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