मनी लॉन्ड्रिंग मामले में निलंबित मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम की जमानत याचिका खारिज, पत्नी व पिता को भी नहीं मिली राहत
रांची : झारखंड हाई कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ग्रामीण कार्य विभाग के निलंबित मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम की जमानत याचिका पर शुक्रवार को फैसला सुनाया है। कोर्ट में वीरेंद्र राम की जमानत याचिका खारिज कर दी है। पूर्व में दोनों पक्षों की दलील पूरी होने के बाद कोर्ट ने मामला में फैसला सुरक्षित रख लिया था।
पूर्व में ईडी के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की कोर्ट ने वीरेंद्र राम की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। 21 अप्रैल, 2023 को वीरेंद्र राम के खिलाफ ईडी की अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। ईडी की टीम ने वीरेंद्र राम की 39.28 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अटैच कर चुकी है।
अटैच की गयी संपत्ति वीरेंद्र द्वारा टेंडर में कमीशन से उगाही कर अर्जित की गयी है। 22 फरवरी, 2023 को वीरेंद्र राम के आवास पर छापेमारी के दौरान उसके रांची के अशोक नगर स्थित आवास से ईडी ने गिरफ्तार किया था।
अभियंता वीरेंद्र राम की पत्नी व पिता को भी नहीं मिली राहत
झारखंड हाई कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ग्रामीण कार्य विभाग के निलंबित मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम की पत्नी राजकुमारी देवी एवं वीरेंद्र राम के पिता गेंदा राम की अग्रिम जमानत याचिका पर शुक्रवार को फैसला सुनाया है।
कोर्ट ने राजकुमारी देवी एवं गेंदा राम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। पूर्व में दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता शुभाशीष रसिक सोरेन ने पैरवी की। पूर्व में ईडी के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की कोर्ट ने गेंदा राम और राजकुमारी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद इन दोनों की ओर से हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की गयी है।
Jharkhand Money Laundering Case