मंत्री नहीं बनाये जाने से नाराज बैद्यनाथ राम ने पार्टी को दिया अल्टीमेटम, भाजपा ने बताया अनुसूचित जाति का अपमान
रांची : चंपाई सोरेन सरकार का कैबिनेट विस्तार राजभवन में हुआ, लेकिन इस खुशी के साथ-साथ गम और बगावत भी दिखी। आखिरी वक्त में बैधनाथ राम को मंत्री पद की शपथ नहीं दिलाये जाने से कांग्रेस के 11 विधायकों ने तो नाराजगी जतायी ही, झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक भी नाराज हो गये। इससे उनके समर्थकों में गुस्सा तो था ही, साथ ही बैद्यनाथ राम भी गुस्से से लाल दिखे। उन्होंने इसे अपमान बताया, जो किसी भी स्तर पर उचित नहीं था। उनके राजनीतिक करियर में ऐसा पहली बार हुआ है, जो गलत है।
लातेहार विधायक बैद्यनाथ राम ने एक निजी चैनल से बातचीत में इसे घोर अपमान बताया। इसके साथ ही उन्होंने अपनी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा को दो दिन का अल्टीमेटम भी दिया। यदि इस पर विचार नहीं किया गया तो झामुमो से अलग होने जैसा बड़ा फैसला लिया जा सकता है। उनके इस ऐलान के बाद स्वाभाविक है कि कांग्रेस के साथ-साथ जेएमएम में भी बगावत के सुर उठने लगे हैं। बैद्यनाथ राम ने भी इसे इस राज्य में बसी अनुसूचित जाति का अपमान बताया। अब देखना ये है कि ये विवाद कैसे ख़त्म होता है।
इधर, भारतीय जनता पार्टी ने भी बैद्यनाथ को मंत्री नहीं बनाये जाने पर झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद पर जमकर निशाना साधा। इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि उन्होंने एक बार फिर झारखंड के 50 लाख अनुसूचित जाति समुदाय को धोखा दिया है, जो उनके दलित विरोधी चेहरे को दर्शाता है।
आपको बता दें कि झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने राजभवन के बिरसा मंडप में विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलायी। झामुमो विधायक बैद्यनाथ राम को चंपई कैबिनेट में 12वां मंत्री बनाया जाना था। राज्यपाल भवन से जारी सूची में बैद्यनाथ राम का भी नाम शामिल था। लेकिन ऐन वक्त पर उनका पत्ता कट गया। पता चला कि चंपाई सरकार में सिर्फ 11 मंत्री होंगे। जबकि झारखंड सरकार में संख्याबल के हिसाब से 12 मंत्री बनाये जा सकते हैं।
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