सूखे का जायजा लेने पलामू पहुंची केंद्रीय टीम, गांवों का किया दौरा, किसानों ने कहा- माड़-भात पर भी संकट
पलामू : जिले में सूखे की स्थिति का जायजा लेने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल बुधवार को पलामू पहुंचा। टीम के सदस्यों ने जिला कृषि पदाधिकारी, सहकारिता पदाधिकारी एवं उद्यान पदाधिकारी के साथ बैठक कर जिले में सूखे की स्थिति एवं सूखे से प्रभावित किसानों की जानकारी ली। साथ ही सूखे को देखते हुए किसानों को राज्य सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं की पूरी जानकारी दी।
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पलामू पहुंची केंद्रीय दल में निदेशक सीडब्ल्यूसी प्रमोद नारायण, उप निदेशक महेश कुमार, सहायक निदेशक बृजमोहन सिंह, उप निदेशक कृषि (इंजीनियरिंग) आशिम रंजन एक्का शामिल थे। टीम के सदस्यों ने पलामू के चैनपुर के बांसडीह पंचायत के बजमरवा व तीन टोलवा का दौरा किया।
इस दौरान टीम के सदस्यों ने विभिन्न किसानों से बातचीत की। इस दौरान टीम के सदस्यों ने लोगों से बारिश की स्थिति, फसलों की बुआई, पिछले साल की तुलना में इस साल कितनी खेती हुई, इसकी जानकारी ली।
टीम ने महूगांव में चौपाल लगाकर स्थानीय रैयतों से सूखे की जानकारी ली। इस दौरान उपस्थित सभी किसानों ने एक स्वर में टीम के सदस्यों को बताया कि यह सूखा 1966 के सूखे से भी भयंकर है।
किसानों ने कहा कि अभी फसल नहीं हुई है, इसलिए किसान दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं और दो पैसे कमा ले रहे हैं। लेकिन हम भविष्य में पीने के पानी को लेकर चिंतित हैं। गांव के तालाब सूख गये हैं। चापाकल भी जवाब दे रहा है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना था कि अगर पीने के पानी की व्यवस्था नहीं होगी तो लोग बिना पानी के कैसे रहेंगे। सभी लोगों ने मिलकर टीम से डीप बोरिंग व पेयजल के अन्य संसाधन उपलब्ध कराने की मांग की।
किसान आदित्य नारायण पांडेय ने कहा कि उन्होंने अपने 70 साल के कार्यकाल में ऐसी स्थिति नहीं देखी, सूखे के कारण माड़-भात पर संकट आ गया है। टीम ने बंदुवा गांव का भी दौरा किया और लोगों से सूखे के कारण उत्पन्न स्थिति का जायजा लिया।