सहमति से शारीरिक संबंध बनाने के बाद विवाहित महिला नहीं लगा सकती यौन शोषण का आरोप : हाईकोर्ट
रांची : झारखंड हाई कोर्ट के जज जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की बेंच ने शनिवार को मनीष कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि अगर एक विवाहित महिला अपने पति के अलावा किसी अन्य पुरुष के साथ सहमति से यौन संबंध बनाती है, तो वह उस व्यक्ति पर बलात्कार का मुकदमा नहीं चला सकती है।
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विवाहित महिला को शादी का झूठा वादा कर शारीरिक संबंध के लिए राजी नहीं किया जा सकता। क्योंकि ऐसा वादा अपने आप में अवैध है। इसके साथ ही कोर्ट ने मामले को आगे की कार्रवाई के लिए देवघर के संबंधित कोर्ट को रेफर कर दिया।
दरअसल, मनीष कुमार ने अपने खिलाफ दर्ज शिकायत को रद्द करने की गुहार लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी और कहा था कि इसमें जो भी आरोप लगाए गये हैं, वे सही नहीं हैं। याचिका में कहा गया है कि देवघर की एक विवाहिता से उसके संबंध थे। महिला ने बताया था कि वह शादीशुदा है और पति से तलाक का मामला चल रहा है। उसने मनीष के साथ सहमति से शारीरिक संबंध बनाये।
याचिकाकर्ता के मुताबिक महिला ने कहा कि पति से तलाक के बाद वह शादी कर लेगी। बाद में मनीष ने शादी से इंकार कर दिया। इसके बाद महिला ने देवघर कोर्ट में मनीष के खिलाफ धोखाधड़ी कर शारीरिक संबंध बनाने की शिकायत दर्ज करायी। निचली अदालत ने भी इसका संज्ञान लिया था। इसके खिलाफ मनीष ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर केस रद करने की गुहार लगायी थी।