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Sunday, May 5, 2024
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लातेहार में ग्राम प्रधान की दबंगई, निर्दोष आदिवासी ग्रामीण को जूते-चप्पल की माला पहनाकर गांव में घुमाया, समाज से किया बाहर, दहशत में परिवार

नितीश कुमार यादव/हेरहंज

लातेहार : जिले के हेरहंज थाना क्षेत्र में ग्राम प्रधान द्वारा एक ग्रामीण को जूते-चप्पल की माला पहनाकर गांव में घुमाने का मामला सामने आया है। बताया जाता है कि एक आदिवासी समुदाय के ग्रामीण को ग्राम प्रधान द्वारा गांव में बैठक कर उसे जूते-चप्पल की माला पहनाकर पूरे गांव में घुमाया गया। मामला थाना क्षेत्र के केडू गांव का है।

Kidzee Latehar
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क्या है मामला

रविवार को दोपहर 12 बजे से दो बजे के बीच 30 से 35 ग्रामीण केडू स्थित विद्यालय परिसर में पहुंचे और गांव के भिखारी गंझू को बुलाकर समाज की बात नहीं मानने का आरोप स्वीकार करने को कहा। पीड़िता के स्वीकार करने के बावजूद सजा के तौर पर भिखारी को माला पहनाकर पूरे गांव में घुमाने का फैसला ग्राम प्रधान नासिर अंसारी ने सुनाया। जिसके बाद ग्रामीणों ने भिखारी को माला पहनायी और पूरे गांव में घुमाया गया। इस घटना की जानकारी प्रशासन को भी नहीं हुई। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान और उसका बेटा इतने दबंग हैं कि कोई उनकी शिकायत करने से भी कतराता है। इस घटना से पीड़ित परिवार काफी दहशत में है।

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इस घटना की जानकारी मिलने पर सोमवार की सुबह जब पत्रकारों की टीम पीड़ित परिवार के घर पहुंची तो पीड़ित की पत्नी अपने पति के साथ हुई घटना से बेसुध होकर जमीन पर पड़ी हुई थी। उसी कमरे में पति भिखारी गंझू और दोनों बेटे भी साथ में लेटे हुए थे। सभी के चेहरे पर दहशत का माहौल था। घटना के संबंध में पीड़ित की पत्नी सकुंती देवी ने बताया कि चार-पांच माह पहले गांव के कुछ लोग हमारे घर के पास खस्सी भात खाने आये थे। खस्सी यहीं बनाया भी था। हमारे घर के आंगन में एक हैंडपंप है, जिसमें कुछ लोग खस्सी काटकर धोने लगे और जब मैंने मना किया तो वे खूब शोर मचाने लगे। इसी बीच ग्राम प्रधान का बेटा बाबर अंसारी आया और खूब गाली-गलौज करने लगा और लोगों को हमारे खिलाफ भड़काने लगा। कहने लगा कि इसे समाज और गांव से बाहर निकाल दो, इसे न कोई बुलायेगा और न ही इसके घर कोई जायेगा। उस वक्त मेरे पति घर पर नहीं थे। तभी से समाज और गांव के लोगों ने हमें दरकिनार कर दिया। इस मामले को लेकर रविवार को स्कूल में बैठक हुई, जिसमें ग्राम प्रधान और उनके बेटे समेत सभी ग्रामीणों ने मेरे पति से कहा कि अगर समाज और गांव के साथ रहना है तो अपनी गलती स्वीकार करनी होगी और सजा भी भुगतनी होगी। सबके दबाव और समाज व गांव की बात सुनने के बाद मेरे पति ने एकतरफा फैसला स्वीकार कर लिया। सभी ने मेरे पति के साथ बहुत अभद्र व्यवहार किया। उन्होंने जूतों की माला पहनायी और पूरे गांव में घुमाया। घटना के बाद हम सभी काफी डरे हुए हैं। पीड़ित परिवार ने सोमवार को हेरहंज थाने में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी है।

इस संबंध में ग्राम प्रधान नासिर अंसारी का कहना है कि मुझे कोई जानकारी नहीं है, मैं किसी भी तरह की बैठक में नहीं गया। आरोप बेबुनियाद है। मेरी तबीयत ख़राब है।

पीड़ित भिखारी गंझू ने बताया कि डेढ़ साल से मैं और मेरा पूरा परिवार दहशत भरी जिंदगी जीने को मजबूर है, मेरी कोई नहीं सुनता, इसमें मेरी कोई गलती नहीं है, फिर भी मुझे समाज ने अपमानित कर समाज से निकाल दिया।

इधर, हेरहंज थाना प्रभारी शुभम कुमार ने बताया कि पीड़िता की ओर से आवेदन मिला है, मामले की जांच की जा रही है और प्राथमिकी भी दर्ज की जायेगी।

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