Breaking :
||खबर का असर: बारियातू में तालाब से मिले वोटर आईडी कार्ड मामले में पोस्ट मास्टर और पोस्टमैन निलंबित||पलामू: सड़क पर खड़े हाइवा में ट्रक ने मारी टक्कर, चालक और खलासी की मौत||8 मई को तेजस्वी यादव पलामू में करेंगे चुनावी सभा||लातेहार: तीन साल से फरार चल रहे तीन वारंटियों के घर पुलिस ने चिपकाया इश्तेहार||कांग्रेस की मोहब्बत की दुकान से मिला नोटों का पहाड़ : बाबूलाल मरांडी||अपडेट: नौकर के घर से अब तक मिले 40 करोड़ से ज्यादा कैश, नोट गिनते-गिनते मशीन खराब||Video: ED की दबिश, मंत्री आलमगीर के PS के नौकर के घर से मिला नोटों का ढेर||7 मई को सोशल मीडिया पर ‘मैं भी इलेक्शन अम्बेसडर’ हैशटैग अभियान, हिस्सा बनने की अपील||चतरा: एंटी क्राइम ऑर्गेनाइजेशन प्रेसिडेंट का बोर्ड लगे गाड़ी से 50 लाख का ब्राउन शुगर बरामद, तीन गिरफ्तार||राहुल गांधी 7 मई को आयेंगे झारखंड, जोबा मांझी और सुखदेव भगत के समर्थन में करेंगे जनसभा
Tuesday, May 7, 2024
BIG BREAKING - बड़ी खबरझारखंडरांची

भाजपा ने हेमंत सोरेन पर लगाया बड़ा आरोप, कहा- मुख्यमंत्री ने जानबूझकर हाईकोर्ट में दायर याचिका में छोड़ी खामी

मामलों को लटकाने की रची गयी साजिश

रांची : भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आज भाजपा मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी लीगल टीम पर हाईकोर्ट में मामले को जबरन लटकाने का गंभीर आरोप लगाया।

प्रतुल ने हाई कोर्ट की वेबसाइट से निकाले गये दस्तावेज को जारी करते हुए दिखाया कि कैसे 23 तारीख को मुख्यमंत्री के निर्देश पर उनकी लीगल टीम द्वारा हाई कोर्ट में दायर की गयी याचिका में पांच खामियां हैं।

लातेहार, पलामू और गढ़वा की ताज़ा ख़बरों के लिए व्हाट्सप्प ग्रुप ज्वाइन करें

प्रतुल ने कहा कि यह सिर्फ चालाकी और धूर्तता के जरिये ईडी के समन मामले को उलझाने की कोशिश है। प्रतुल ने पूछा कि क्या मुख्यमंत्री के महंगे वकीलों और कानूनी टीम को यह भी नहीं पता कि याचिका की अतिरिक्त प्रतियां दी जाती हैं।

प्रतुल ने कहा कि सत्ताधारी गठबंधन जोर-शोर से कहता है कि मुख्यमंत्री ईडी मामले में हाई कोर्ट गये हैं, लेकिन याचिकाओं में खामियां छोड़ गये हैं, यानी जब तक ये खामियां दूर नहीं होंगी, केस लिस्ट नहीं होगा। यानी एक बार फिर मामलों को लटकाने की कोशिश की जा रही है।

प्रतुल ने कहा कि यह पहला मामला नहीं है जब मुख्यमंत्री ने दोष छोड़ कर याचिका को रफा-दफा कर दिया हो। इससे पहले भी जब नवंबर 2022 में झारखंड के राज्यपाल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जिसे आज तक सूचीबद्ध नहीं किया गया है क्योंकि उसमें अभी भी खामी है।

प्रतुल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस मामले में खूब प्रचार किया कि वे राज्यपाल के खिलाफ हाईकोर्ट गये हैं। लेकिन ऐसा लगता है कि इन मामलों में जानबूझ कर खामियां छोड़ी जाती हैं, जिसके कारण मामला हाईकोर्ट में दायर तो होता है लेकिन सूचीबद्ध नहीं हो पाता है।

कहा कि मुख्यमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि खामी के कारण मामला 11 माह से हाई कोर्ट में क्यों लंबित है?

प्रतुल ने कहा कि मुख्यमंत्री जानते हैं कि कानून के लंबे हाथ उन तक पहुंच चुके हैं। इसीलिए वह पूरे मामले को यथासंभव टालने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन ये चाल ज्यादा दिनों तक सफल नहीं होगी। यह विश्वास करना संभव नहीं है कि जिन वकीलों को मुख्यमंत्री ने लाखों रुपये की फीस देकर नियुक्त किया है, उन्हें इन दोषों को दूर करने में कोई समस्या नहीं होगी। पूरे मामले में देरी करने के लिए खामियां छोड़ी जा रही हैं ताकि ये मामले सूचीबद्ध होकर सुनवाई के लिए न आयें।

प्रेस वार्ता में अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व विधायक शिवशंकर उराँव, मोर्चा प्रभारी पूर्व विधायक रामकुमार पाहन, मोर्चा महासचिव विंदेश्वर उराँव भी उपस्थित थे।

Jharkhand Latest News Today