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Sunday, April 28, 2024
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झारखंड कैबिनेट में कुल 35 प्रस्तावों पर लगी मुहर, नियोजन नीति से हटायी गयी 10वीं और 12वीं की अनिवार्यता

झारखंड के बाहर से भी मैट्रिक-इंटर पास किया तो मिलेगी राज्य में नौकरी

रांची : झारखंड के ही शैक्षणिक संस्थानों से 10वीं और 12वीं परीक्षा उत्तीर्ण होने की बाध्यता हटा दी गयी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 35 प्रस्तावों पर मंजूरी दी गयी। नयी संशोधित नियोजन नीति को मंजूरी दी गयी। सरकारी नौकरियों में झारखंड से ही मैट्रिक और इंटर पास होने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया। स्थानीय रीति रिवाज और परंपरा को भी जानना जरूरी नहीं रहा।

कैबिनेट सचिव अजय कुमार सिंह ने बताया कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा इंटर, टेन प्लस टू का संचालन नियमावली संशोधन किया गया। इसमें क्षेत्रीय भाषाओं के अतिरिक्त हिंदी अंग्रेजी और संस्कृत को भी जोड़ा गया है। यह सारे नियम कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा स्नातक स्तर नियमावली मैट्रिक 10वीं पास नियमावली और डिप्लोमा नियमावली में लागू होगा। संशोधन में आरक्षित वर्ग के लिए भी लागू होगा।

गौरतलब है कि झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के बाद नियमावली में बदलाव किया गया है। नगर विकास विभाग ने इसके अंतर्गत झारखंड नगरपालिका नियमावली में भी संशोधन कर दिया है।

कैबिनेट सचिव ने बताया कि झारखंड से मैट्रिक और इंटर परीक्षा के फर्स्ट को तीन लाख सेकंड दो लाख और थर्ड टॉपर एक लाख प्रोत्साहन राशि दी जायेगी साथ ही मोबाइल और लैपटॉप दिया जायेगा।

ओलंपिक में गोल्ड जीतने वाले खिलाड़ियों को अब दो करोड़ की जगह पांच करोड़ मिलेगा। इसी तरह अन्य पदक के लिए भी अलग-अलग राशि का प्रावधान किया गया।

श्रम विभाग के छह विधेयकों को वापस लेनी के प्रस्ताव को मिली स्वीकृति। रघुवर सरकार के समय पारित हुए थे सभी छह विधेयक। भारत सरकार ने इन विधायकों के प्रावधानों पर आपत्ति जतायी थी।

द कॉन्ट्रैक्ट लेबर (रेगुलेशन एंड एबोलिशन) (झारखंड अमेंडमेंट) बिल 2015

द बिहार इंडस्ट्रियल एस्टेब्लिशमेंट (नेशनल एंड फेस्टिवल हॉलिडे एंड कैजुअल लीव) झारखंड अमेंडमेंट बिल 2015

द झारखंड लेबर लॉ (अमेंडमेंट) एंड मिसलेनियस प्रोविजन बिल 2018

द इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट (झारखंड अमेंडमेंट) बिल 2018

द झारखंड शॉप एंड इस्टैब्लिशमेंट (अमेंडमेंट) बिल 2018

द फैक्टरी (झारखंड अमेंडमेंट) बिल 2019

झारखंड नगरपालिका संपत्ति कर निर्धारण संग्रहण वसूली संशोधन नियमावली 2022 की मंजूरी दी गयी। इसके अनुसार निर्धन शारीरिक रूप से अक्षम महिलाओं तथा बच्चों के लाभार्थी के लिए न्यास न लाभ न हानि के आधार पर संचालित शैक्षणिक एवं सामाजिक संस्थान से निर्धारित होल्डिंग टैक्स का 50 प्रतिशत कर देना होगा। हालांकि, इसके लिए वैध प्रमाण पत्र समर्पित करने को अनिवार्य किया गया है। गन्ना प्रक्रिया अनुसार प्रमंडलवार आवश्यक सर्किल दरों के आलोक में पूंजीगत मूल का निर्धारण करते हुए होल्डिंग टैक्स की गणना की जायेगी।

इसके अनुसार यदि किसी धृति स्वामी द्वारा वित्तीय वर्ष 22-23 के लिए पूर्व व्यवस्था अनुसार होल्डिंग टैक्स का भुगतान पूर्व निर्धारित सर्किल दरों के आधार पर किया जा चुका है। ऐसी स्थिति में संशोधन अनुरूप नयी सर्किल रेट की दरों के आधार पर गणना की होल्डिंग टैक्स की राशि का समायोजन वर्तमान आगामी, तिमाही या वित्तीय वर्ष में किया जायेगा।

कई जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों द्वारा इसकी मांग लगातार की जा रही थी और पूंजीगत मूल्य आधारित संपत्ति करके गणना के कारण होल्डिंग टैक्स में जो वृद्धि हुई थी उसे कम करने का वापस लेने का अनुरोध किया जा रहा था। प्रमंडल बाद निकायों की सूची तैयार होगी निर्माण के प्रकार उपयोग के प्रकार आवासीय या गैर आवासीय एवं अवस्थित सड़क के प्रकार के आधार पर निर्धारित अलग-अलग सर्किल दर का औसत निकाला जायेगा।

निकाली गयी औसत सर्किल दर पर 20 प्रतिशत अतिरिक्त वृद्धि करते हुए तथा उसका निकटतम गुणांक 10 के पूर्णांक में किया जायेगा। इसके बाद वास्तविक सर्किल दर वर्तमान में प्रचलित की तुलना में गणना की गयी औसत सर्किल दर से की जायेगी। नगर निकाय अंतर्गत वर्तमान में प्रचलित वास्तविक सर्किल दर के अंतर्गत बनाना की गयी पर प्रमंडलवार और सच सर्किल दर से अधिक होने की स्थिति में किया जायेगा। .

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