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Friday, May 17, 2024
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भारत बंद: आदिवासी संगठनों ने सरना कोड की मांग को लेकर रेल और सड़क यातायात रोका

रांची : सरना कोड की मांग पर शनिवार को आदिवासी संगठनों ने भारत बंद के तहत राज्य के कई जिलों में सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। केंद्रीय सरना समिति, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद, आदिवासी छात्र संघ, आदिवासी सेंगेल अभियान सहित विभिन्न आदिवासी संगठनों के लोगों ने हजारीबाग, लोहरदगा, खूंटी सहित सात राज्यों में रेल रोका और सड़क पर जाम लगाया।

राजधानी रांची में अनगड़ा प्रखंड अंतर्गत गंगाघट पर रेल रोका गया और रोड जाम किया गया। गंगा घाट रोड एवं रेल पटरी पर लोग उतरकर सरना कोड की मांग कर रहे थे। गंगा घाट रेलवे स्टेशन में केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की, उपाध्यक्ष प्रमोद एक्का, सोमरा उरांव, गंगा मुंडा, साजन उरांव, प्रभु उरांव, मंगरु उरांव, गाजु उरांव के नेतृत्व में लोग सड़क एवं रेल पटरी पर उतरकर प्रदर्शन किया। साथ ही रांची के कोकर में केंद्रीय सरना समिति के महासचिव संजय तिर्की के नेतृत्व में सड़क पर उतरकर विरोध किये। रांची के एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि बंद में जिले में कहीं भी कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।

हजारीबाग में सरना समिति हजारीबाग के अध्यक्ष महेंद्र बेक के नेतृत्व में और लोहरदगा जिला में सरना समिति के अध्यक्ष चैतू उरांव के नेतृत्व में लोहरदगा रेलवे स्टेशन रेल रोका गया। कचहरी रोड में मुख्य चौक पर सड़क जाम किया गया। हालांकि, पुलिस के पहुंचने पर तुरंत ही जाम समाप्त हो गया।

मौके पर केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा भारत बंद सफल रहा। पूरे देश में आदिवासी सरना कोड की मांग पर लोग सड़क पर उतरकर रेल रोड चक्का जाम कर सरना कोड लागू करो का नारा बुलंद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 2024 के चुनाव से पहले यदि केंद्र सरकार सरकार सरना कोड लागू नहीं करती है तो आदिवासी केंद्र सरकार को उखाड़ फेंकेंगे।

केंद्रीय सरना समिति के उपाध्यक्ष प्रमोद एक्का ने कहा कि सरना कोड नहीं रहने से जबरन आदिवासी को हिंदू एवं ईसाई बनाया जा रहा है। सरना कोड लागू होने से हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई, जैन, बौद्ध अपने आप डिलिस्टिंग हो जायेंगे।

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