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Thursday, May 2, 2024
लातेहार

आंदोलनकारियों की हर लड़ाई में रहूंगा शामिल, चुनाव लड़ने का कोई इरादा नही : राकेश टिकैत

Rakesh Tikait in Latehar

गोपी कुमार सिंह/लातेहार

नेतरहाट में जनसंघर्ष समिति के बैनर तले दो दिवसीय संकल्प दिवस सह विरोधसभा का आयोजन

लातेहार : पहाड़ों की रानी के नाम से विश्व प्रसिद्ध नेतरहाट से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर टुटवापानी में नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज के अधिसूचना को रद्द करने को लेकर नेतरहाट फिल्ड फायरिंग रेंज विरोधी जनसंघर्ष समिति के बैनर तले दो दिवसीय संकल्प दिवस सह विरोधसभा का आयोजन हर साल होता आ रहा है।

झारखंड व छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती इलाके में बसने वाले आदिवासी समुदाय हुआ शामिल

इस बार भी 22 एवं 23 मार्च को नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज के अधिसूचना को रद्द किए जाने की मांग को लेकर विरोध सभा सह संकल्प दिवस का आयोजन किया गया है। जिसका आज पहला दिन था। कार्यक्रम के पहले दिन हजारों की संख्या में आदिवासी समुदाय के महिला, पुरूष, युवक एवं युवतियां कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम में गुमला, घाघरा, लातेहार एवं झारखंड और छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती इलाके में बसने वाले आदिवासी समुदाय के लोग शामिल हुए।

कार्यक्रम में शामिल होने किसान नेता राकेश टिकैत पहुंचे नेतरहाट

इस कार्यक्रम में शामिल होने किसान नेता राकेश टिकैत भी नेतरहाट पहुंचे। इसलिए इसबार का कार्यक्रम कई मायने में खास माना जा रहा है। चुकी किसान आंदोलन देश का एक बहुत बड़े आंदोलन के रुप में उभर कर सामने आया था। ऐसे में राकेश टिकैत का इस कार्यक्रम में शामिल होने के बाद अब लोग कई तरह की चर्चाएं कर रहे है।

आदिवासियों का समूह ने टिकैत का किया स्वागत

राकेश टिकैत के कार्यक्रम में शामिल होने से पूर्व ही आदिवासियों का एक समूह उनके स्वागत के लिए जुलूस की शक्ल में तैयार था। उनके आने के बाद जुलूस धीरे धीरे कार्यक्रम स्थल की ओर पंहुचा। इस दौरान जल, जंगल जमीन हमारा है। जान देंगे जमीन नही देंगे के ख़ूब नारे लगाए गए।

245 गांव के लोगों को उनके जमीन से बेदखल करने की है तैयारी

राकेश टिकैत ने कार्यक्रम में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए कहा आदिवासियों को गरीब और लाचार समझा जाता रहा है। यही कारण है कि आज आदिवासियों की जमीन छीनी जा रही है। मामला अगर एकाध गांव का होता तो समझ मे आता है। लेकिन यहां तो 245 गांव के लोगों को उनकी जमीन से बेदखल करने की तैयारी है। आगे कहा यह बहुत बढ़िया बात है कि आपलोगो ने इस आंदोलन को जारी रखा है। उससे भी बड़ी बात यह है कि आपलोग मुआवजे के बदले भी अपनी जमीन नही छोड़ना चाहते हैं।

देश भर में एक बड़ा आंदोलन करने का इशारा

राकेश टिकैत ने बातों ही बातों में पूरे देश भर में एक बड़ा आंदोलन करने का इशारा इस मंच से किया है। उन्होंने कहा जिस तरह से किसान आंदोलन तेरह महीने तक चला है। अब हमलोग उससे भी लंबे समय तक के लिए आंदोलन की तैयारी कर रहे है। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नही कहा है कि वह किस मुद्दों को लेकर एक बड़े आंदोलन की ओर इशारा कर रहे है।

जहां होगा किसान व मजदूर का आंदोलन उनकी मदद को तैयार

उन्होंने एक स्थानीय पत्रकार के झारखंड में आप क्या जमीन तलाश कर रहे हैं के सवाल का जवाब देते हुए कहा जमीन वो तलाशते है जिन्हें चुनाव लड़ना होता है। मैं राजनीति से बहुत दूर हूं। जहाँ कही भी किसान व मजदूर का आंदोलन होगा उनकी मदद के लिए हमेशा तैयार खड़ा हूँ।

फिल्ड फायरिंग रेंज को लेकर विधानसभा में उठाया था सवाल : विनोद सिंह, माले

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए माले विधायक विनोद सिंह ने कहा कि गत 20 दिसंबर को विधानसभा में मैंने सरकार से पूछा था कि बिहार सरकार की अधिसूचना संख्या 1862 दिनांक 20.08.1999 के अनुसार नेतरहाट फिल्ड फायरिंग रेंज का उक्त क्षेत्र के ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। साथ ही पूछा था कि यह एक इको सेंसेटिव क्षेत्र है और 11 मई, 2022 को राज्य सरकार फिल्ड फायरिंग रेंज की समयावधि विस्तार पर रोक लगाने का विचार रखती है। इस सवाल पर सरकार ने बताया कि इस संबंध में विभाग को अब तक कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। कहा कि फायरिंग रेंज की समयावधि विस्तार पर सरकार जब तक रोक नहीं लगाती तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।

मेघा श्रीराम डॉल्टन ने लोगों का बढ़ाया उत्साह

इधर, कार्यक्रम में मशहूर गायिका मेघा श्रीराम डॉल्टन ने मौजूद लोगों का उत्साह बढ़ाते हुए एक से बढ़कर एक गीत पेश किए। उनके हर एक गीत के पीछे एक संघर्ष की कहानी रही है। लिहाज़ा उनके गीतों ने लोगो के उत्साह को और दोगुना करने का काम किया है।

केंद्रीय जनसंघर्ष समिति के शामिल हुए कई बड़े आदिवासी नेता

इस कार्यक्रम में केंद्रीय जनसंघर्ष समिति के जेरोम जेराल्ड कुजूर, रतन तिर्की, कन्हाई सिंह, शशि पन्ना, रामबिशुन नगेसिया, मेघा श्रीराम डॉल्टन, समाजसेवी दयामनी बारला समेत कई अन्य आदिवासी नेता एवं हजारों की संख्या में आदिवासी ग्रामीण मौजूद थे।

27 सालों जारी है आंदोलन

बता दे कि नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज को रद्द करने की मांग को लेकर बीते 27 सालों से आंदोलन किया जा रहा है। इस आंदोलन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी शामिल हो चुके है। तब वह मुख्यमंत्री नही थे।

अधिसूचना रद्द नही हुई तो 245 गांव के लोग हो जाएंगे बेदखल

जानकारी देते चले कि अगर नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज की अधिसूचना रद्द नही होती है तो लातेहार और गुमला जिला को मिलाकर कुल 245 गांव के लोग अपनी जमीन से बेदखल हो जाएंगे। हालांकि यह लडाई जब झारखंड राज्य अलग हुआ था तभी से चल रही है। ऐसे में इतनी लंबी लडाई लड़ने के बाद यहां के आदिवासी अपनी जमीन छोड़ेंगे या नही इसपर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा।

Rakesh Tikait in Latehar

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Rakesh Tikait in Latehar


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