कोरोना की चौथी लहर : स्कूलों में प्रार्थना पर रोक, सरकार ले सकती है बड़ा फैसला
कोराना की चौथी लहर के आने के बीच देश के कई हिस्सों में कोविड-19 के मामले बढ़ते जा रहे हैं. कोरोना वायरस संक्रमण की चौथी लहर में नए मामले दोगुनी तेजी से बढ़े हैं। देश में नए मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। अप्रैल की शुरुआत में कोरोना के एक्टिव केस 11,000 थे, जो बढ़कर 16,522 हो गए हैं.
ताजा जानकारी के अनुसार 12 राज्यों में फिर से कोविड महामारी पर पाबंदियां लगा दी गई हैं। झारखंड में स्कूलों में प्रार्थना के साथ अन्य कार्यक्रमों पर रोक लगा दी गई है. कोविड प्रोटोकॉल के अनुपालन के लिए नई गाइडलाइन जारी की गई है। देश ने पिछले सप्ताह की तुलना में 18 अप्रैल से 24 अप्रैल के बीच ताजा कोरोना संक्रमण के मामलों में 95% की वृद्धि दर्ज की है।
बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करने जा रहे हैं। इसके अलावा वह स्वास्थ्य मंत्रालय और सरकार के आला अधिकारियों से देश में चौथी लहर पर भी चर्चा करेंगे। सुरक्षा सावधानियों के अलावा, बढ़ते कोरोना मामलों की सख्ती से जांच करने के अन्य उपायों पर भी विचार किया जाएगा।
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अनुमान के मुताबिक पहले ही बता दिया गया था कि जून के मध्य में कोरोना की चौथी लहर शुरू हो सकती है। आईआईटी कानपुर की टीम के पहले ही बता दिया गया था कि चौथी लहर 22 जून 2022 से शुरू हो सकती है, जो 23 अगस्त 2022 को अपने चरम पर पहुंच सकती है। हालाँकि, चौथी लहर संक्रमण के लिहाज से दूसरी और तीसरी की तुलना में कम नुकसानदेह होगी।
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