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Tuesday, May 7, 2024
गारूलातेहार

लातेहार: 6 करोड़ की लागत से हो रहे ग्रामीण सड़क निर्माण कार्य में भारी लापरवाही, सांसद प्रतिनिधि ने उठाये सवाल

गोपी कुमार सिंह/गारू

बाहरी मजदूरों से कराया जा रहाकाम, स्थानीय मजदूरों में आक्रोश

लातेहार : जिले के गारू प्रखंड में भ्रष्टाचार का मामला थमने का नाम ही नही ले रहा है। कभी मनरेगा तो कभी किसी दूसरे विभाग में भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला सामने आना आम बात हो गया है। इस बार प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के निर्माण कार्य मे भारी लापरवाही का मामला सामने आया है।

बगैर शिलान्यास हुए आधा काम पूरा

जिले के अतिनक्सल प्रभावित क्षेत्र गारू में ठेकेदार की मनमानी का आलम यह है कि 6 करोड़ रु की लागत से गारू से हेसवा तक बनने वाली प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का शिलान्यास भी नहीं हुआ और आधे से अधिक काम खत्म हो चुके हैं। सड़क का निर्माण करा रही मां यशोदा कंस्ट्रक्शन के द्वारा बोर्ड पर लागत राशि का भी जिक्र नही किया गया है।

आजादी के बाद पहली बार हो रहा सड़क का निर्माण

आपको बता दें कि आजादी के बाद पहली बार प्रखंड मुख्यालय से हेसवा गांव तक पहुचपथ का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। लेकिन इसके शुरुआत कार्य में ही ठेकेदार के द्वारा सड़क निर्माण कार्य में भारी लापरवाही कर उक्त राशि का अधिकांश पैसा गबन करने की नियत साफ नजर आ रही है।

निर्माण कार्य में लगाए जा रहे अवैध बालू व पत्थर

ठेकेदार की मनमानी का आलम यह है कि निर्माण कार्य में पास के ही कोयल नदी से अवैध रूप से भारी मात्रा में बालू का उठाव किया जा रहा है। जबकि नजदीकी जंगलों से पत्थरों की भी भारी मात्रा में तुड़ाई कर सड़क निर्माण कार्य मे लगाया जा रहा है। बावजूद वन विभाग इस मामले से बेखबर नजर आ रही है।

बाहरी मजदूरों से कराया जा रहा काम

इधर, ठेकेदार के द्वारा सड़क निर्माण के कार्य मे स्थानीय मजदूरों से कार्य न कराकर बाहरी मजदूरों से कार्य लिया जा रहा है। ठिकेदार के इस मनमानी रवैये से स्थानीय मजदूरों में आक्रोश व्याप्त है।

सांसद प्रतिनिधि ने लिया जायजा, सांसद से लिखित शिकायत की कही बात

इधर, मामले की जानकारी के बाद गारू सासंद प्रतिनिधि ओमप्रकाश कुमार उक्त सड़क के निर्माण कार्य का जायजा लेने पहुँचे। उन्होंने कहा इस सड़क के निर्माण कार्य मे भारी लापरवाही बरती जा रही है। बिना कार्यादेश और शिलान्यास के ही कार्य शुरू कर देना भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा सड़क निर्माण कार्य मे अवैध बालू और नजदीक के जंगलों से पत्थर तोड़कर लगाया जा रहा है। जिससे सड़क के निर्माण कार्य में उपयोग होने वाले लागत राशि का उपयोग निर्माण कार्य में न लगाकार उसका घोटाला करने की मंशा साफ नजर आ रही है। जबकि निर्माण कार्य मे उपयोग होने वाला अन्य सामग्री में निम्न स्तर का उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा उक्त सड़क का शिलान्यास चतरा सांसद सुनील कुमार सिंह के द्वारा किया जाना है। लेकिन अब तक इस सड़क का शिलान्यास ही नहीं हुआ है। बावजूद ठेकेदार के द्वारा कैसे कार्य कराया जा रहा है। इसकी लिखित शिकायत देकर सांसद सुनील से जांच करवाने की मांग करूंगा।

नक्सलवाद बहाना

एक तरफ़ जहाँ पुलिस नक्सलियों को खदेड़ भगाने का दावा करती है तो वही ठेकेदार नक्सल प्रभावित इलाक़ा होने का हवाला देकर जल्द से जल्द काम ख़त्म करने की कोशिश करते हैं। ठेकेदार निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार की नियत से नक्सलियों के द्वारा किसी भी तरह की घटना न होने का हवाला देकर जल्दबाज़ी में घटिया कार्य कराकर निकल जाते हैं। जबकि ठेकेदार की मनमानी का दंश ग्रामीणों को झेलना पड़ता है। चुकी निर्माण कार्य के वक्त प्रकरण की अनदेखी की जाती है। लिहाज़ा सड़क निर्माण होने के कुछ ही महीनों बाद जर्जर हो जाती है। जिससे पूर्व से चली आ रही समस्या का सामना पुनः ग्रामीणों को करना पड़ता है। गारू प्रखंड क्षेत्र में ऐसे कई सड़क का निर्माण कराया गया है, जो बनने के कुछ ही महीनों बाद जर्जर हो गये हैं। जिसपर चलना ग्रामीणों के लिए दूभर है।

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