Breaking :
||किसी भी हाल में पिछड़ों और दलितों के आरक्षण को छिनने नहीं देंगे: मोदी||इंडी गठबंधन अब वोट जिहाद का ले रहा सहारा : मोदी||लोहरदगा: नाबालिग लड़की के साथ पांच युवकों ने किया सामूहिक दुष्कर्म, मामला दर्ज||प्रथम JPSC नियुक्ति परीक्षा गड़बड़ी मामले में CBI ने दाखिल किया आरोप पत्र, 37 लोगों को बनाया आरोपी||लातेहार: कल बाधित रहेगी शहर में बिजली आपूर्ति सेवा||झारखंड: चार नाबालिग लड़कों ने युवती के साथ किया सामूहिक दुष्कर्म, वीडियो बनाकर किया वायरल||6 मई से झारखंड के इन इलाकों में बारिश की संभावना, हीट वेब से मिलेगी राहत||पलामू: हाइवा की चपेट में आने से युवक की मौत, आक्रोशित लोगों ने हाइवा समेत चार वाहनों में लगायी आग||लातेहार: शादी का झांसा देकर विधवा महिला से यौन शोषण करने व पैसे ऐंठने का आरोप, मामला दर्ज||प्रधानमंत्री मोदी पहुंचे रांची, भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद किया रोड शो
Sunday, May 5, 2024
पलामू प्रमंडल

प्रसव के बाद महिला की मौत का मामला, परिजनों के हंगामें के बाद 3 डॉक्टर समेत कई स्वास्थ्य कर्मियों पर मामला दर्ज

पलामू : मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के मेडिकल स्टाफ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। 27 अप्रैल को मेडिकल कॉलेज में प्रसव के बाद महिला की मौत के बाद परिजनों व ग्रामीणों ने हंगामा किया। जिसके बाद मेदिनीनगर टाउन थाने में गायनी वार्ड के तीन डॉक्टरों, नर्सों समेत कई स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ शिकायत की गई थी।

सभी के खिलाफ मेदिनीनगर टाउन थाने में आईपीसी की धारा 4/5 304ए के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है। सभी पर इलाज के दौरान लापरवाही का आरोप है।

मृतक अंजलि देवी के पति विनोद चौरसिया की अर्जी के आधार पर सभी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। प्राथमिकी के बाद पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।

डॉ विजेता, डॉ प्रीति, डॉ आकाश, जीएनएम सत्यवादा, एनएम सीमा कुमारी, ओटी सहायक रानी, ​​दाई ज्योति कुमारी और जीएनएम कुसुम सांगा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। 26 अप्रैल को अंजलि देवी को प्रसव के लिए मेदिनराय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

क्या है पूरा मामला

मालूम हो कि लातेहार जिले के मनिका के विनोद चौरसिया की पत्नी अंजलि देवी को 26 अप्रैल की देर रात प्रसव के लिए मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने मंगलवार सुबह छोटा ऑपरेशन के जरिए उसका प्रसव कराया। अंजलि देवी ने एक बच्चे को जन्म दिया।

बताया जाता है कि डिलीवरी के बाद तेजी से ब्लीडिंग होने लगी। डॉक्टरों ने महिला के परिजनों से खून की व्यवस्था करने को कहा था। दो यूनिट रक्त भी दिया गया, लेकिन अत्यधिक रक्तस्राव के कारण महिला की हालत बिगड़ने लगी। महिला की गंभीर हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने उसे रांची रेफर कर दिया। रांची जाते समय रास्ते में ही महिला की मौत हो गई।

मौत के बाद परिजनों ने हंगामा किया। स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर परिजन धरने पर बैठ गए। स्वास्थ्य विभाग ने पूरे मामले में अलग से जांच टीम का गठन किया है। जबकि शव का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड ने किया।