झारखंड: 40 हजार सरकारी स्कूलों को निजी कंपनियों के हवाले करने पर विचार कर रही सरकार-शिक्षा मंत्री
Jharkhand govt school privatization
रांची : झारखंड में सरकार 40 हजार सरकारी स्कूल निजी कंपनियों को सौंप सकती है। सरकार इस पर मंथन कर रही है। शनिवार को शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो ने कहा कि सरकार हर बच्चे की शिक्षा पर सालाना 22 हजार खर्च कर रही है। लेकिन इससे 22 हजार विद्यार्थियों का बौद्धिक, शैक्षणिक विकास नहीं हो पा रहा है। सरकार राज्य के लगभग सभी स्कूलों को आउटसोर्सिंग के जरिए निजी कंपनियों को सौंप सकती है।
मंत्री ने कहा कि हम सालाना 22 हजार की जगह आउटसोर्सिंग कंपनी को ज्यादा पैसा देने को तैयार हैं। लेकिन बच्चों के बौद्धिक-मानसिक गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जा सकता। 22 साल में राज्य में शिक्षा व्यवस्था की स्थिति नहीं बदली है। हम शिक्षा व्यवस्था को बदलने के लिए हर संभव प्रयास करने को तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि जल्द ही राज्य में सैकड़ों मॉडल स्कूल बनकर तैयार हो जाएंगे। इन मॉडल स्कूलों में सीबीएसई की तर्ज पर छात्रों को शिक्षा दी जाएगी। सरकार ने इस दिशा में कई ठोस कदम उठाए हैं। सरकार शिक्षा के क्षेत्र में 325 नए मॉडल स्कूलों के लिए भवनों का निर्माण कर रही है।
राज्य सरकार 13 जिलों में कम से कम दो मॉडल स्कूलों का निर्माण कार्य तेजी से पूरा करने के लिए काम कर रही है। इनमें से कई आकांक्षी जिले हैं, जहां स्कूलों का निर्माण किया जा रहा है।
जुलाई 2022 तक आदर्श हाई स्कूल खूंटी, केजीवीके गुमला, एसएस गर्ल्स स्कूल सिमडेगा, राजकीय कस्तूरबा गर्ल्स स्कूल लोहरदगा, गर्ल्स हाई स्कूल जामताड़ा, मॉडल स्कूल दुमका, केजीवीके दुमका, प्लस टू गर्ल्स हाई स्कूल दुमका, मॉडल स्कूल लातेहार, जिला स्कूल चाईबासा, मॉडल स्कूल टाटानगर, स्कॉट हाई स्कूल चाईबासा, केजीवीके गर्ल्स स्कूल सरायकेला का निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा।
वहीं विभिन्न जिलों के 22 स्कूलों को अगस्त 2022 में, 26 स्कूलों को सितंबर 2022 में, 14 स्कूलों को अक्टूबर में और तीन स्कूल भवनों को नवंबर में पूरा किया जाएगा। निर्माण कार्य के बाद स्मार्ट क्लासेज, डिजिटल लाइब्रेरी और स्टेम लैब समेत शिक्षा के अत्याधुनिक संसाधनों से संपन्न होंगे।
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