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Wednesday, May 1, 2024
पलामूपलामू प्रमंडल

पलामू में आत्महत्या की रोकथाम पर पुलिस के लिए आयोजित कार्यशाला में एसपी ने कहा- डिप्रेशन का शिकार होने से बचें जवान

पलामू : जिला स्वास्थ्य समिति ने डालटनगंज के टाउन हॉल में मंगलवार को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर पुलिस विभाग के पदाधिकारी और कर्मियों के लिए मानसिक स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया। इसका उद्घाटन पलामू की एसपी रीष्मा रमेशन, एसडीपीओ सुरजीत कुमार, सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार, मानसिक स्वास्थ्य रोग विशेषज्ञ डॉ आशीष, डीपीएम दीपक कुमार गुप्ता आदि ने संयुक्त रूप से किया। जांच शिविर के पूर्व क्रिएटिंग होप थ्रू एक्शन थीम पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए एसपी ने कहा कि पुलिस का काम काफी चुनौती भरा रहता है। काम के कारण पुलिस को खाने-पीने और सोने की चिंता नहीं होती है। उन्होंने कहा कि पर्व-त्योहारों में अपने परिवार के पास भी नहीं जा पाते हैं। ऐसी स्थिति में अवसाद (डिप्रेशन) का शिकार होना स्वभाविक हैं। उन्होंने कहा कि इन अवसादों से बचने के लिए हमेशा सकारात्मक सोच रखनी चाहिए। जीवन अनमोल है। इस कारण आत्महत्या जैसी घटना के विषय में कभी नहीं सोचना चाहिए।

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एसडीपीओ सुजीत ने कहा कि काम के दबाव में मानसिक संतुलन खो देते हैं। कोई अधिकारी कोई काम सौंपता है तो उसकी क्षमता के आधार पर ही सौंपता है। इससे हतोत्साहित नहीं होना चाहिए। काम के दबाव में लोग हतोत्साहित होकर आत्महत्या जैसे कदम उठाते हैं।

सिविल सर्जन डॉ अनिल ने कहा कि किसी भी समस्या से हार नहीं माननी चाहिए। दिमाग को जिस चीज की ओर ले जाएगें, शरीर भी उसी दिशा की ओर चला जाता है। पहले संयुक्त परिवार में लोग रहना पसंद करते थे। संयुक्त परिवार में कोई समस्या होती थी तो लोग मिल बैठकर समाधान निकलाते थे, जबसे एकल परिवार में लोग रहने लगे तब तक ज्यादा अवसाद की ओर बढ़ रहे हैं। कोई समस्या हो तो अपने मित्र, परिवार आदि से शेयर करें, ताकि उसका समाधान निकल सके।

मानसिक रोग विशेष डॉ आशीष ने अवसाद से बचने के बारे में पुलिस कर्मियों को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि अपनी दिनचर्या को ठीकठाक रखेंगे तो काफी हद तक अवसाद से बचा जा सकता है। मंच संचालन डीपीएम दीपक कुमार गुप्ता ने किया। कार्यशाला के बाद पुलिस कर्मियों की स्वास्थ्य जांच कर उचित परामर्श और दवाइयां दी गयीं।

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