लातेहार: सेमरसोत गांव के ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार का लिया निर्णय, कहा- रोड नहीं तो वोट नहीं
शशि भूषण गुप्ता/बालूमाथ
लातेहार : 75 वर्षों से सड़क नहीं बनने से नाराज बालूमाथ प्रखंड के सेमरसोत गांव के ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए मतदान का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।
इसे लेकर शुक्रवार को सेमरसोत गांव में ग्रामीण धनेशरी देवी, सुनीता देवी, देवंती देवी, बिगन गंझू, निलेश गंझू, मुरारी गंझू, तुनेश्वर गंझू, शांति देवी, लीलू देवी, मीना देवी समेत सैकड़ों ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि गांव तक पहुंचने वाली सड़क की हालत बेहद खराब है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि आजादी के बाद से गांव में पक्की सड़क नहीं बन पायी है।
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आपको बता दें कि बालूमाथ प्रखंड मुख्यालय से चार किलोमीटर की दूरी पर सेमरसोत गांव स्थित है जहां की अधिकतर आबादी गंझू जाति की है। जिसमें अधिकांश ग्रामीण मजदूरी करके जीवन यापन करते हैं। बरसात के दिनों में इस सड़क पर चलना हाथी को माला पहनाने के बराबर है। मुख्य सड़क की हालत कई वर्षों से जर्जर है।
लोगों ने रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा बुलंद करते हुए कहा कि आज के दौर में किसी भी सांसद या विधायक ने सेमरसोत के ग्रामीणों और गांव के विकास पर कोई ध्यान नहीं दिया है।
नतीजतन, यहां के ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि जब तक सांसद, विधायक या अधिकारी इस गांव की जर्जर सड़क की मरम्मत नहीं करायेंगे, तब तक बूथ संख्या 104 पर एक भी ग्रामीण वोट नहीं डालेंगे। वे अपने आप को कोसते हैं। आख़िरकार, उनके जन्म के अभिशाप ने उन पर प्रभाव डाला है। इस पर आज तक किसी सांसद, विधायक या वरीय अधिकारी की नजर नहीं पड़ी।
नतीजा, आज भी ग्रामीण सड़क के बिना ठगा हुआ महसूस करते हैं। इससे वाहन तो दूर, पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है। बरसात के दिनों में बालूमाथ से सरसोत तक आवागमन बाधित हो जाता है।
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