ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट में भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान से भी पीछे, जिप सदस्य ने जतायी आपत्ति
गोपी कुमार सिंह/गारू
राशन कटौती समेत विभिन्न मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन
लातेहार : ज़िले के गारू प्रखंड मुख्यालय में राशन कटौती समेत विभिन्न मांगों को लेकर संयुक्त ग्राम सभा के बैनर तले विरोध प्रदर्शन किया गया। विश्व खाद्य दिवस के मौके पर आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में गारू प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांव से आये सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए।
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कार्यक्रम की शुरुआत अरमु मोड़ से किया गया। इस दौरान विभिन्न मांगों से संबंधित तख्तियां लेकर ग्रामीणों ने पैदल मार्च कर नारेबाजी की। ग्रामीणों ने इस प्रदर्शन के माध्यम से उच्चित राशन उच्चित दाम, भूखे पेट भरे गोदाम, मातृत्व वंदना योजना सरल करो, स्कूल में मिनुवार भोजन दो भोजन दो, राशन कटौती बंद करो, बंद करो, हमे चाहिए भुखमरी से आजादी समेत कई अन्य मांग की है।
जिप सदस्य कन्हाई सिंह के नेतृत्व में हुआ कार्यक्रम
कार्यक्रम का नेतृत्व बरवाडीह पूर्वी जिप सदस्य कन्हाई सिंह कर रहे थे। ग्रामीण अरमु मोड़ से नारेबाजी करते हुए प्रखंड परिसर पहुँचे। जहां एक सभा का आयोजित कर राशन को लेकर हो रही समस्या पर विस्तार से चर्चा की।इधर जिप सदस्य ने कहा इस कार्यक्रम के माध्यम से हमने प्रत्येक व्यक्ति को जो जन वितरण प्रणाली के तहत पांच किलोग्राम अनाज दिया जाता है। उसे बढ़ाकर मेडिकल साइंस के मुताबिक 15 किलोग्राम दिया जाए। इसके आलावा जन वितरण प्रणाली के डीलर के द्वारा ग्रामीणों के राशन में जो कटौती हो रही है। इसका लातेहार डीसी जवाब दें।
उन्होंने कहा अभी पिछले दिनों जारी ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट के अनुसार भारत में भुखमरी की स्थिति बेहद शर्मनाक स्थिति पर पहुँच गयी है। पिछले वर्ष 2021 में भारत का 101 वें स्थान से गिरकर इस साल 2022 में 121 देशों की रैंकिंग में भारत का स्थान 107 पर पहुँच गया है। जबकि भारत से बेहतर स्थिति में पडोसी देश पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल और बांग्लादेश हैं। देश को इस शर्मनाक स्थिति तक पहुँचाने के लिए सीधे-सीधे नरेन्द्र मोदी की नेतृत्ववाली वाली भाजपा सरकार और और उसकी गरीब विरोधी नीतियाँ जिम्मेवार हैं।
NFHC के मुताबिक 2017 से 2021 तक 25 लोगों की भूख से मौत
भोजन के अधिकार अभियान से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ताओ ने कहा कि अकेले झारखण्ड राज्य में 2017 से 2021 के बीच 25 से अधिक लोगों की भूख से मौत हुई। एनएफएचएस-5 रिपोर्ट के अनुसार झारखंड में छह महीने से लेकर 59 महीने तक की आयु वर्ग के 67 प्रतिशत बच्चे एनीमिया के शिकार हैं। राज्य की 65.3 प्रतिशत महिलाएं खून की कमी की चपेट में हैं। देश में आज भी 19 करोड़ से अधिक लोग भूखे पेट रात बिताने को विवश हैं। ये स्थितियाँ देश के विकास के रास्ते में बड़ी बाधक हैं।
वरीय पदाधिकारियों की लापरवाही से गरीबों के हक़ पर हो रही है सेंधमारी
इधर कार्यक्रम में शामिल अफसाना खातून ने कहा कि पूरे जिले में राशन की कटौती सबसे बड़ी समस्या बन गयी है। इस विषय पर जिले के वरिष्ठ अधिकारियों की चुप्पी की वजह से राशन डीलरों के मनोबल को बढ़ता जा रहा है।
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बारेसांढ के विजय सिंह ने कहा कि पूरे गारू प्रखण्ड में आदिम जनजातियों को 35 किलो राशन के बदले सिर्फ 32 किलो ही एमओ के द्वारा वितरण कराया जा रहा है। इसी प्रकार मिट्टी तेल भी सिर्फ आधा लीटर ही दिया जा रहा है।
कार्यक्रम में साभिल नाथ पैकरा, फ्रांसिस्का, कलिता देवी, बिपिन बिहारी, सोनमती देवी, तारामणि देवी, अमरदयाल सिंह, सिलास गुड़िया, विमल सिंह, मकलदेव सिंह, ननकू सिंह समेत सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए।