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शादी के एक साल बाद पति ने छोड़ा हाथ, 7 माह की बच्ची के साथ झोपड़ी में रहने को विवश आदिम जनजाति परिवार की बेटी

गोपी कुमार सिंह/लातेहार

लातेहार : जिले के गारू थाना क्षेत्र के रुद पंचायत के बारीबांध गांव से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। जहां शादी के महज एक साल बाद ही एक विवाहिता को उसके पति ने सात माह की बच्ची के साथ अकेला छोड़ दिया है। विवाहित महिला एक आदिम आदिवासी परिवार से ताल्लुक रखती है और उसका नाम प्रीति है। इस बात का खुलासा खुद पीड़िता ने किया है।

दरअसल, बारीबंध गांव में रहने वाले आदिम आदिवासी समुदाय की एक लड़की की शादी एक साल पहले पास के हेंदेहास गांव के रहने वाले अनदीप उरांव के साथ हुई थी। लेकिन शादी के एक साल बाद ही बिना वजह अनदीप ने उसे छोड़ दिया।

हालांकि पति के इस रवैये के बाद अब महिला ने भी अनदीप के साथ नहीं रहने का फैसला किया है। लेकिन वह चाहती है कि अनदीप उसके और उसकी सात महीने की बच्ची के भरण-पोषण का खर्च वहन करे।

बातचीत के दौरान महिला ने द न्यूज सेंस संवाददाता को बताया कि वह अब अनदीप के साथ नहीं रहना चाहती। वह अब अंदीप के साथ रहने से डर रही है। उसने बताया कि अनदीप से शादी के बाद एक बच्ची का जन्म हुआ है, जिसकी उम्र सात महीने है। जिसके साथ झोंपड़ी जैसे घर में रहने को मजबूर है।

महिला ने बताया कि वह चाहती है कि पति से घर के खर्च और बच्चे के पालन-पोषण के लिए उसे हर महीने अनदीप से कुछ पैसे मिले। साथ ही वह सरकार से मदद के तौर पर प्रधानमंत्री आवास की उम्मीद करती है।

फिलहाल महिला का पेट भरने वाला कोई नहीं है। वह किसी तरह अपनी दुधमुंही बच्ची को पीठ में बांधकर मजदूरी कर घर का खर्चा चला रही है। लेकिन अब बढ़ती महंगाई के बीच उनका धैर्य दम तोड़ रहा है। मजदूरी से मिले पैसों से घर का खर्च चलाना उसके लिए नाकाफी साबित हो रहा है।

अब महिला न तो अपने पति के साथ रहना चाहती है और न ही उसपर कोई कानूनी कार्रवाई को तैयार है। ऐसे में प्रीति बस यही चाहती हैं कि अगर उन्हें उनके पति से घर के खर्चे के लिए कुछ पैसे मिले और सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री आवास का लाभ मिले तो वह अपनी बाकी की जिंदगी गुजार लेगी।


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