झारखण्ड शिक्षक नियुक्ति की ताज़ा स्थिति जानिए, नियम में हुए बदलाव
झारखण्ड शिक्षक नियुक्ति की ताज़ा स्थिति update
अब हाई स्कूलों में स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक नियुक्त होने के लिए भी सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों को झारखंड के स्कूलों एवं कालेजों से मैट्रिक तथा इंटरमीडिएट उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा। हालांकि आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों पर यह प्रविधान लागू नहीं होगा। साथ ही सभी अभ्यर्थियों काे स्थानीय रीति-रिवाज, भाषा एवं परिवेश का ज्ञान भी जरूरी होगा। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इसे लेकर नियुक्ति नियमावली में संशोधन किया है। संशोधित नियमावली मंगलवार को अधिसूचित हो गई। इससे राज्य में हाई स्कूलों में शिक्षकों के लगभग 10 हजार तथा प्रधानाध्यापकों के 638 पदों पर नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है।
नियुक्ति की अर्हता में सरकार की ओर से कई बदलाव किए गए
संशोधित नियमावली में हाई स्कूल शिक्षकों की नियुक्ति की अर्हता में कई बदलाव किए गए हैं। इसके तहत हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति के लिए अब राज्य के सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में माध्यमिक स्तर पर पढ़ाए जानेवाले विषयों में से नियुक्ति विषय में स्नातक (स्नातक के सभी तीन वर्षों में संबंधित विषय की पढ़ाई की गई हो) अथवा स्नातकोत्तर में कम से कम 50 प्रतिशत अंकों सहित बीएड या बीएससीएड की डिग्री अनिवार्य की गई है। पहले 45 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य था।
पूर्व की तरह, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं दिव्यांग अभ्यर्थियों को पांच प्रतिशत छूट लागू रहेगी। सरकारी विद्यालयों में माध्यमिक स्तर पर पढ़ाए जानेवाले विषयों में से नियुक्ति के विषय में न्यूनतम 55 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातकोत्तर तथा तीन वर्षीय एकीकृत बीएड-एमएड उत्तीर्ण अभ्यर्थी भी हाई स्कूल शिक्षक नियुक्त हो सकेंगे।
प्रधानाध्यापक नियुक्ति में भी 50 प्रतिशत अंक अनिवार्य
हाई स्कूलों में प्रधानाध्यापकों की होनेवाली नियुक्ति में भी अभ्यर्थियों को राज्य के सरकारी विद्यालयों में माध्यमिक स्तर पर पढ़ाए जानेवाले विषयों में से नियुक्ति के विषय में कम से कम 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातकोत्तर तथा बीएड उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा। पहले न्यूनतम 45 प्रतिशत अंक ही अनिवार्य था।
शारीरिक शिक्षकों के लिए यह है आवश्यक अर्हता
हाई स्कूलों में शारीरिक शिक्षक नियुक्त होने के लिए मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से कला, विज्ञान अथवा वाणिज्य में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक डिग्री एवं शारीरिक शिक्षा में स्नातक डिग्री (बीपीएड) अनिवार्य किया गया है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा दिव्यांगों को इसमें पांच प्रतिशत की छूट मिलेगी।
शिक्षक बनने के लिए तीन साल की स्नातक की पढ़ाई अनिवार्य
हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति के लिए किसी अभ्यर्थी को संबंधित विषय में तीन साल की स्नातक की पढ़ाई अनिवार्य रूप से करनी होगी। इसका मतलब यह कि सब्सिडियरी विषय में उत्तीर्ण होना मान्य नहीं होगा। यदि कोई अभ्यर्थी किसी विषय में सब्सिडियरी विषय के साथ स्नातक उत्तीर्ण है तो वह उक्त विषय का शिक्षक नहीं बन सकेगा।
इंटीग्रेटेड बीएड की डिग्री को भी मान्यता
हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति में अब इंटीग्रेटेड बीएड की डिग्री को भी मान्य कर दिया गया है। पहले यह मान्य नहीं था। अब वैसे अभ्यर्थी जो तीन वर्षीय एकीकृत बीएड एवं एमएड की डिग्री रखते हैं वे भी हाई स्कूल शिक्षक नियुक्त हो सकेंगे।
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