Breaking :
||पलामू: दो अलग-अलग सड़क हादसों में एक युवक की मौत, पंद्रह घायल||झारखंड में वोटिंग के दिन रहेगा सार्वजनिक अवकाश, अधिसूचना जारी||सतबरवा: अज्ञात वाहन की चपेट में आने से बाइक सवार दो युवकों की मौत||पलामू लोकसभा: भाजपा से बीडी राम और राजद से ममता भुइयां समेत चार उम्मीदवारों ने किया नामांकन||लातेहार: मनरेगा योजना में रिश्वत लेते पंचायत सेवक रंगेहाथ गिरफ्तार||चतरा समेत इन चार लोकसभा सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों को विरोधियों से अधिक अपनों से खतरा||झारखंड: पहले चरण के चुनाव में पलामू समेत इन चार लोकसभा सीटों पर युवा मतदाता निभायेंगे निर्णायक भूमिका||आय से अधिक संपत्ति मामले में निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के पिता और पत्नी के खिलाफ कुर्की वारंट का इश्तेहार जारी||पलामू लोकसभा: शीर्ष माओवादी कमांडर रहे कामेश्वर बैठा समेत तीन उम्मीदवारों ने किया नामांकन||पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर कल होगी सुनवाई
Thursday, April 25, 2024
BIG BREAKING - बड़ी खबरपलामू प्रमंडललातेहार

लातेहार: बूढ़ा पहाड़ इलाके में नक्सलियों द्वारा छिपाये गये अत्याधुनिक हथियार व अन्य सामान बरामद

लातेहार : जिला पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन को मिली गुप्त सूचना पर सुरक्षाबलों को एक बार फिर नक्सलियों के खिलाफ सफलता मिली है. सुरक्षाबलों ने बुढ़ा पहाड़ इलाके में नक्सलियों द्वारा छिपाये गये चार अत्याधुनिक हथियार और अन्य सामान बरामद किया है।

लातेहार की ताज़ा ख़बरों के लिए व्हाट्सप्प ग्रुप ज्वाइन करें

एसपी अंजनी अंजन को गुप्त सूचना मिली थी कि बुढ़ा पहाड़ के जोकपानी इलाके में नक्सलियों ने हथियार और गोला-बारूद छिपा रखा है। इस सूचना के बाद जिला पुलिस, कोबरा 209 बटालियन और सीआरपीएफ के जवानों ने संयुक्त रूप से छापेमारी अभियान चलाया। इस दौरान सुरक्षाबलों ने एक मशीनगन, दो एसएलआर राइफल, एक इंसास राइफल समेत 470 गोलियां बरामद कीं।

नक्सलियों का सबसे सुरक्षित गढ़ था बूढ़ा पहाड़

साल 2022 की सबसे बड़ी सफलता झारखंड पुलिस के द्वारा चलाया गया ऑपरेशन ऑक्टोपस और डबल बुल था। बूढ़ा पहाड़ कॉर्पोरेशन ऑक्टोपस के जरिए क्लीन करवाया गया जबकि बुलबुल जंगल को ऑपरेशन डबल बुल के जरिए। झारखंड सहित तीन राज्यों में माओवादियों के मुख्यालय के तौर पर बूढ़ापहाड़ का इस्तेमाल पिछले तीन दशक से हो रहा था। 1990 से ही घोर नक्सल प्रभाव वाला इलाका रहा बूढ़ापहाड़ झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ के माओवादियों के लिए बड़ा आश्रय स्थल था।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के टास्क पर काम करते हुए झारखंड पुलिस ने 32 साल से माओवादी गतिविधियों के केंद्र रहे बूढ़ापहाड़ को नक्सल मुक्त करा लिया है। बूढ़ापहाड़ को नक्सलमुक्त कराने के लिए साल 2022 में पुलिस और सीआरपीएफ ने ऑपरेशन ऑक्टोपस चलाया था। अब बूढ़ापहाड़ पर सात कैंप बना दिए गए हैं। नदी नालों पर पुल बांध दिए गए हैं। बूढ़ा पहाड़ फिलहाल नक्सलियों से मुक्त है जवानों की यह कोशिश है कि अब दोबारा इस पहाड़ पर नक्सलियों को नहीं आने दिया जाए।

लातेहार बूढ़ा पहाड़ नक्सली