Saturday, October 5, 2024
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लातेहार: गठन के चार वर्ष बीत जाने के बाद भी अस्तित्व में नहीं आ सका नवसृजित प्रखंड सरयू, पदस्थापित अधिकारी गारू में जमाये हैं डेरा, ग्रामीणों को हो रही परेशानी

Saryu latehar news

सरकारी आदेश की हो रही अवहेलना

लातेहार : नवसृजित सरयू प्रखंड के अधिकारी गारू प्रखंड मुख्यालय में डेरा जमाये हुए है। जबकि सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि अधिकारी अपने पदस्थापित जगहों पर रहे। लेकिन यहां निर्देश का अनुपालन नहीं हो रहा हैं।

2018 में जारी हुई थी अधिसूचना

आपको बता दें कि झारखंड सरकार ग्रामीण विकास विभाग की अधिसूचना संख्या 661 15 फ़रवरी 2018 को तीन पंचायत चोरहा, घासीटोला व गणेशपुर को शामिल करते हुए नवसृजित सरयू प्रखंड का गठन किया गया। जिसमें दो पंचायत चोरहा व घासीटोला गारू प्रखंड से जबकि गणेशपुर पंचायत बरवाडीह प्रखंड से अलग कर सरयू को प्रखड का दर्जा दिया गया। जो आज तक अस्तित्व में नहीं आ सका।

घसीटोला पंचायत भवन में प्रखंड कार्यालय संचालित करने का जारी हुआ था आदेश

गठन के बाद सरयू स्थित घसीटोला पंचायत भवन में इस नवसृजित प्रखंड का कार्यालय संचालित करने का आदेश जारी किया गया था। वहीं गारू के तत्कालीन बीडीओ को सरयू प्रखंड का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। वर्तमान में गारू प्रखंड के बीडीओ प्रताप टोप्पो सरयू के अतिरिक्त प्रभार में हैं।

तत्कालीन डीसी जिशान कमर ने की थी लिपिक की प्रतिनियुक्ति

24 फरवरी 2020 को लातेहार जिला स्थापना समिति की बैठक में तत्कालीन डीसी जिशान कमर ने सरयू प्रखंड कार्यालय के लिए गारू में पदस्थापित लिपिक विजय कुमार रजक को प्रतिनियुक्त किया था। जो कभी सरयू स्थित पंचायत भवन में संचालित प्रखंड कार्यालय आये ही नहीं।

संचालित नहीं हो सका कार्यालय

लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि प्रतिनियुक्ति के बाद से विजय कुमार रजक आज तक सरयू प्रखंड कार्यालय में नहीं बैठे हैं। वे गारू प्रखंड में ही रह रहे हैं। इस तरह घासीटोला पंचायत भवन में आज तक प्रखंड कार्यालय संचालित नहीं हो सका। यूं कहें नव सृजित सरयू प्रखंड अस्तित्व में नहीं आ सका।

दैनिक मजदूरी पर तीन पदों के लिए मिली थी स्वीकृति

इतना ही नहीं झारखंड सरकार ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा जारी पत्र में इस नवसृजित प्रखंड के लिए बाह्य स्रोत से दैनिक मजदूरी पर तीन पद आदेशपाल, कंप्यूटर ऑपरेटर व चालक की बहाली कर इस कार्यालय को संचालित करने की स्वीकृति दी गई थी। लेकिन आज तक इन पदों पर बहाली नहीं हो सकी।

गठन के चार वर्ष के बाद भी ग्रामीणों को नहीं मिला लाभ

ऐसे में इस नव निर्मित प्रखंड के लोगों को इसके गठन के चार साल बाद भी प्रखंड कार्यालय का लाभ नहीं मिल रहा है। प्रखंड से संबंधित कार्यों के लिए उन्हें आज भी गारू व बरवाडीह प्रखंड का ही चक्कर लगाना पड़ता है।

विकास कार्य हो रहे बाधित, ग्रामीणों को हो रही परेशानी

नवसृजित सरयू प्रखंड में सीओ और बीडीओ की पदस्थापना नहीं होने से जहां लोगों को प्रमाण पत्रों के निकासी में प्रबल समस्या हो रही है। वहीं विकास कार्य भी बाधित हो रहा है। प्रमाण पत्रों के निर्गत करने एवं विकास कार्य नहीं होने से लोग परेशान हो रहे हैं।

कार्यों को निबटाने जाना पड़ता है गारू व बरवाडीह

तीन पंचायत का बना सरयू प्रखंड के लगभग चालीस से पचास हजार लोगों को प्रखंड कार्यालय एवं अंचल कार्यालय के कार्यों को निबटाने के लिए गारू व बरवाडीह जाना पड़ता है। लेकिन वहां भी पदाधिकारी के समय पर नहीं रहने से घर वापस लौट रहे हैं या फिर दिन भर मजदूरी छोड़कर इंतजार करने में लगे रहना मजबूरी है।

प्रखंड कार्यालय का भवन बनकर तैयार

सरयू में प्रखंड कार्यालय का भवन लगभग बनकर तैयार हो गया है। लेकिन अभी तक इस भवन को हैंडओवर नहीं किया गया है।

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