पांकी विधायक ने भवन निर्माण स्थल पर लगाये गये झूठे शिलापट्ट पर जतायी नाराजगी
पलामू : पलामू जिले के पांकी प्रखंड के जीरो गांव में आदिम जनजाति के लिए बनाये जा रहे बहुदेशीय भवन में घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग कर मानकों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
निर्माण कार्य में बालू की जगह बांग्ला ईंट, थर्ड ग्रेड सीमेंट और डस्ट का उपयोग किया जा रहा है। यहां तक कि चबूतरा भी टेढ़ा-मेढ़ा बना दिया गया है, जिससे भवन की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इस योजना का शिलान्यास अब तक किसी जनप्रतिनिधि ने नहीं किया है। निर्माण स्थल पर झूठा शिलापट्ट लगा दिया गया है। शिलापट्ट पर शिलान्यास की तिथि जरूर लिखी है, लेकिन जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों को इसकी जानकारी तक नहीं है।


गुरुवार को जब इस मामले में स्थानीय विधायक डॉ. कुशवाहा शशि भूषण मेहता से पूछा गया, तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। विधायक डॉ. मेहता ने निर्माण स्थल पर झूठे शिलापट्ट लगाये जाने पर नाराजगी जतायी।
उन्होंने कहा कि सरकार आदिम जनजातियों के विकास के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है, लेकिन विभाग के अधिकारियों और ठेकेदार की लापरवाही के कारण लोगों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा जा रहा है। बिना शिलान्यास किये ही घटिया तरीके से निर्माण कार्य किया जा रहा है, जो गंभीर मामला है।

विधायक ने कहा कि बालू की जगह डस्ट से निर्माण कार्य किया जा रहा है, जो भ्रष्टाचार को खुली चुनौती है। वहीं, जब संबंधित जेई से पूछताछ की गयी तो उन्होंने गोलमोल जवाब देकर मामले से पल्ला झाड़ने की कोशिश की। स्थानीय लोगों का कहना है कि ठेकेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को ठेंगा दिखाकर मनमाने तरीके से निर्माण कार्य करवा रहा है। मानकों की अनदेखी कर भवन निर्माण कार्य कराया जा रहा है, जिससे भविष्य में भवन की मजबूती को गंभीर खतरा हो सकता है।