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Wednesday, April 24, 2024
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ED की जांच में कई अहम खुलासे, IAS छवि रंजन ने भू-माफियाओं को पहुंचाया लाभ, लिए पैसे, की गोवा की सैर

रांची : जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार रांची की पूर्व डीसी आईएएस छवि रंजन को शुक्रवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। पूरे घोटाले का पर्दाफाश करने के लिए ईडी आईएएस छवि रंजन को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। ईडी की जांच में कई अहम खुलासे हुए हैं।

ईडी सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि वर्ष 2020-2022 तक रांची डीसी रहे छवि रंजन ने भू-माफियाओं को फायदा पहुंचाने के लिए पद का दुरुपयोग किया। जालसाजी में कई निजी लोगों की मदद की। जांच में यह बात भी सामने आयी है कि चर्चित प्रेम प्रकाश के जरिये बारगेन मौजा स्थित एक प्लॉट को प्रतिबंधित सूची से हटाने के लिए एक करोड़ रुपए लिए गये। रांची के विभिन्न अंचल कार्यालयों से छवि रंजन को दो से ढाई लाख रुपये की राशि किश्तों में दी गयी।

ईडी की जांच में यह भी पता चला है कि आईएएस छवि रंजन ने मौखिक रूप से अंचल ऑफिसर मनोज कुमार से चेशायर होम रोड पर एक एकड़ का पार्सल व्यवसायी विष्णु अग्रवाल और उनकी पत्नी अनुश्री अग्रवाल के नाम पर स्थानांतरित करने के लिए कहा था। हालाँकि, मौजूदा विवाद अंचल कार्यालय के समक्ष लंबित थे।

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विष्णु कुमार अग्रवाल के मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच से पता चला कि उन्होंने छवि रंजन की गोवा यात्रा में मदद की, जिसकी व्यवस्था गोवा के अगुआडा में ताज फोर्ट होटल में की जाती थी। बुकिंग के तरीके को छिपाने के लिए यह व्यवस्था एक ट्रैवल एजेंट के जरिये की गयी थी। बुकिंग राशि विष्णु कुमार अग्रवाल के एक कर्मचारी द्वारा दिल्ली में एक ट्रैवल एजेंट को नकद में स्थानांतरित की गयी थी।

इसके अलावा ईडी जांच में पता चला है कि नामकुम स्थित पुगरू मौजा में एक गैर-बिक्री जमीन खाता संख्या 7.16 में लगभग 7.16 एकड़ ओर हेहल मौ स्थित एक जमीन बिनोद सिंह के नाम पर म्यूटेशन के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया था। नामांतरण के बाद यह संपत्ति श्याम सिंह और रवि सिंह भाटिया के नाम दर्ज की गयी। इस जमीन का वास्तविक मूल्य 29 करोड़ था, जिसे 15.10 करोड़ में तय किया गया। चेक के माध्यम से 3.45 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था।

हालांकि, विनोद सिंह के दावे को पहले सीओ और एलआरडीसी द्वारा वर्ष 2021 में खारिज कर दिया गया था लेकिन छवि रंजन ने विनोद सिंह के नाम पर नामांतरण की अनुमति दी थी। यहां तक कि छवि रंजन द्वारा साहू परिवार के नाम पर जमाबंदी रद्द कर दी गयी थी। तत्कालीन उपायुक्त और जिला मजिस्ट्रेट छवि रंजन ने पुलिस की मौजूदगी में उपरोक्त स्थल पर चारदीवारी निर्माण के निर्देश जारी किये थे। छवि रंजन ने पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश और व्यवसायी विष्णु अग्रवाल के साथ रांची में सेना की 4.55 एकड़ जमीन मैसर्स जगतबंधु टी एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित करने की भी साजिश रची थी।