JJMP उग्रवादी ने हथियार छोड़ उठायी कलम, एसपी ने की सराहना
लातेहार JJMP उग्रवादी बन गया पत्रकार
गोपी कुमार सिंह/रुपेश कुमार अग्रवाल
लातेहार : पुलिस की लगातार दबिश से जहाँ उग्रवादी और नक्सली संगठनों के पैर उखड़ने लगे है तो वही सरकार की आत्मसमर्पण नीति से भी प्रभावित होकर कई उग्रवादी अब हथियार डाल रहे है। लातेहार में भी कई उग्रवादी और नक्सली हथियार डाल आत्मसमर्पण कर चुके है। लेकिन आज हम बात प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन जेजेएमपी के सबजोनल कमांडर संजय प्रजापति की कर रहे है।
कौन है सजंय प्रजापति
दरअसल, हमारी इस खास रिपोर्ट के विलन और हीरो दोनों ही किरदार में सजंय प्रजापति का ही नाम शामिल है।सबसे पहले आपको ये बता देना जरूरी है की संजय प्रजापति आखिर है कौन? संजय प्रजापति मूलरूप से लातेहार ज़िले के छिपादोहर थाना क्षेत्र अंतर्गत नावाडीह गांव का निवासी है।
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जेजेएमपी का था सबजोनल कमांडर
संजय 2013 में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन जेजेएमपी में शामिल हुआ था। बाद में उन्हें टीम में सबजोनल कमांडर बना दिया गया। उस समय से उसकी इलाके में लगातार धमक देखी जाती थी। जेजेएमपी में वह सब जोनल कमांडर के पद पर कार्य देख रहा था। उसका कार्य क्षेत्र लातेहार जिले के गारू एवं महुआडांड़ इलाके में था। उसके खिलाफ छिपादोहर थाना में 2 आपराधिक मामले भी दर्ज हुए थे। सरकार ने संजय पर दो लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
संगठन छोड़ पुलिस के समक्ष किया था आत्मसमर्पण
संजय ने संगठन में रहकर ही शादी रचाई,संजय संगठन में शामिल तो हुआ था समाज के भलाई और अन्याय करने वाले से लड़ाई के लिए, लेकिन संगठन में रहते हुए उसे यह महसूस हो चुका था कि संगठन को समाज और अन्याय करने वाले से कोई ताल्लुक नही है। वह तो बस लेवी और लोगों की गाढ़ी कमाई लूट रहे है। संजय को यह भी महसूस हुआ कि हथियार से किसी भी समस्या का समाधान नही किया जा सकता है। लिहाजा उसने 16 जुलाई 2022 को संगठन छोड़कर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस के द्वारा उसके ऊपर घोषित इनाम की राशि समेत अन्य लाभ दिया गया।
बन्दूक छोड़ उठायी कलम, पत्नी की खुशियां हुईं दोगुनी
जेल से निकलने के बाद संजय ने एक हिंदी दैनिक अखबार में बतौर ब्यूरो चीफ बनकर पत्रकारिता शुरू किया और अब वह खुशहाल जीवन यापन कर रहा है। इस बात को लेकर ख़ूब चर्चा है कि संजय ने हथियार छोड़कर समाज हित में काम करने के लिए कलम उठाया है। हर कोई संजय की तारीफ कर रहा है। संजय के आत्मसमर्पण करने से उनकी पत्नी भी काफी खुश है। लेकिन जब संजय ने जेल से बाहर निकलने के बाद पत्रकारिता को चुना तो उनकी पत्नी की खुशियां दोगुनी हो गयी है।
आजसू जिलाध्यक्ष ने की तारीफ़
आजसू ने भी संजय के इस नए सफर की ख़ूब सराहना की है। आजसू के लातेहार जिलाध्यक्ष अमित पांडेय ने कहा हथियार से किसी भी समस्या का समाधान नही किया जा सकता है। देर से ही सही लेकिन संजय को यह बात समझ मे आयी, यह बहुत अच्छी बात है। उन्होंने कहा समाज हित में कार्य करने और सरकार से सवाल पूछने के लिए उन्होंने जो रास्ता चुना है वह काफी काबिले तारीफ़ है।
एसपी ने भी की सराहना
इधर, संजय की इस कार्य की लातेहार एसपी अंजनी अंजन ने खूब सराहना की। उन्होंने कहा यह बहुत अच्छी बात है कि उन्होंने संगठन को छोड़कर आत्मसमर्पण किया और अब वह पत्रकारिता कर रहे है। उन्होंने कहा निश्चित तौर पर आने वाले समय मे संजय की जो सोच है समाज को सहायता करने की उसमें वह कामयाब होंगे। एसपी ने कहा पत्रकारिता के माध्यम से संजय के जीवन में भी काफी बदलाव आयेगा। उन्होंने अन्य नक्सली और उग्रवादी संगठन के सदस्यों से भी सरकार की आत्मसमर्पण नीति के लाभ लेते हुए पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने की अपील की है।
लातेहार JJMP उग्रवादी बन गया पत्रकार