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लातेहार में दो हाथियों की मौत पर हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान, अनुपस्थित वन सचिव और प्रधान मुख्य वन संरक्षक तलब

रांची : लातेहार में पिछले महीनों में 10 दिनों के अंदर दो हाथियों की मौत पर झारखंड हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने लातेहार में हाथियों की मौत पर दर्ज मामले की सुनवाई की।

सुनवाई के दौरान वन सचिव और प्रधान मुख्य वन संरक्षक अदालत में उपस्थित नहीं हुए थे, इस पर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। अदालत ने दोनों अधिकारियों को अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट में हाजिर होने का सख्त आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगी।

मामले की सुनवाई के दौरान जब अदालत ने जानना चाहा कि राज्य सरकार के वन सचिव और प्रधान मुख्य वन संरक्षक अदालत के आदेश के बाद भी सुनवाई के दौरान क्यों नहीं उपस्थित हुए। जबकि अदालत में हाजिर होने से किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी गयी थी तो उन्हें कैसे लगा हाजिर नहीं होना है।

इस पर राज्य सरकार के अधिवक्ता ने कहा कि वे समझ नहीं पाये होंगे। अदालत के सख्त तेवर को देख अधिवक्ता ने क्षमा मांगते हुए समय देने का आग्रह किया।

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अगस्त और सितम्बर में हुई थी हाथियों की मौत

आपको बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट ने जिस घटना का संज्ञान लिया है वह घटना अगस्त और सितम्बर माह की है। लातेहार में 30 अगस्त और 9 सितंबर को दो हाथियों की मौत हुई थी। लातेहार के बालूमाथ थाना क्षेत्र के गणेशपुर इलाके में हाड़ी जंगल में 9 सितंबर को हाथी के एक बच्चे का शव मिला था, इसी के बाद हाईकोर्ट ने घटना का संज्ञान लिया था। इसके पहले 30 अगस्त को लातेहार के चंदवा थाना क्षेत्र के चकला इलाके में महुआटांड़ से सटे जंगल में एक हाथी की मौत हो गयी थी।

हाथी की मौत के बाद माकपा के वरिष्ठ नेता सह चतरा लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी रहे अयुब खान ने हांथी की मौत मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, विधायक सरयू राय व लातेहार उपायुक्त अबु इमरान से की थी।


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