Breaking :
||झारखंड एकेडमिक काउंसिल कल जारी करेगा मैट्रिक और इंटर का रिजल्ट||लातेहार: चुनाव प्रशिक्षण में बिना सूचना के अनुपस्थित रहे SBI सहायक पर FIR दर्ज||ED ने जमीन घोटाला मामले में आरोपियों के पास से बरामद किये 1 करोड़ 25 लाख रुपये||झारखंड में हीट वेब को लेकर इन जिलों में येलो अलर्ट जारी, पारा 43 डिग्री के पार||सतबरवा सड़क हादसे में मारे गये दोनों युवकों की हुई पहचान, यात्री बस की चपेट में आने से हुई थी मौत||झारखंड: रामनवमी जुलूस रोके जाने से लोगों में आक्रोश, आगजनी, पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़, लाठीचार्ज||लातेहार में भीषण सड़क हादसा, दो बाइकों की टक्कर में तीन युवकों की मौत, महिला समेत चार घायल, दो की हालत नाजुक||बड़ी खबर: 25 लाख के इनामी समेत 29 नक्सली ढेर, तीन जवान घायल||पलामू: महुआ चुनकर घर जा रही नाबालिग से भाजपा मंडल अध्यक्ष ने किया दुष्कर्म, आरोपी की तलाश में जुटी पुलिस||झामुमो केंद्रीय समिति सदस्य नज़रुल इस्लाम ने मोदी को जमीन में 400 फीट नीचे गाड़ने की दी धमकी, भाजपा प्रवक्ता ने कहा- इंडी गठबंधन के नेता पीएम मोदी के खिलाफ बड़ी घटना की रच रहे साजिश
Friday, April 19, 2024
BIG BREAKING - बड़ी खबरझारखंडरांची

राजनीतिक संकट के बीच राज्यपाल रमेश बैस दिल्ली रवाना, हलचल तेज

रांची : झारखंड में सियासी संकट के बीच राज्यपाल रमेश बैस दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। उनका दिल्ली का दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब यूपीए विधायकों ने उनसे एक दिन पहले चुनाव आयोग के फैसले पर सस्पेंस खत्म करने का अनुरोध किया था। राजयपाल के इस दिल्ली दौरे ने झारखंड में राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है।

रांची की ताज़ा ख़बरों के लिए व्हाट्सप्प ग्रुप ज्वाइन करें

झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के 10 वरिष्ठ नेताओं और विधायकों ने गुरुवार को राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें पत्र सौंपा। गुरुवार को ही सोरेन सरकार ने झारखंड विधानसभा का एक दिवसीय सत्र 5 सितंबर को बुलाने का फैसला किया है। इसमें सरकार विश्वास मत ला सकती है।

मुख्यमंत्री की सदस्यता को लेकर चुनाव आयोग के फैसले पर राजभवन जल्द कार्रवाई करेगा। राज्यपाल रमेश बैस ने गुरुवार को यूपीए के एक प्रतिनिधिमंडल को यह आश्वासन दिया। यूपीए प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की और भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्राप्त विचारों के संदर्भ में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ‘ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मैटर’ की सदस्यता पर चर्चा की। यूपीए प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से इस संबंध में जल्द से जल्द स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया।

झारखण्ड की ताज़ा ख़बरों के लिए यहाँ क्लिक करें

महागठबंधन के प्रतिनिधिमंडल द्वारा राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि राजभवन एक संवैधानिक कार्यालय है और जनता की नजर में इसका बड़ा सम्मान है। ऐसे में राजभवन से झूठी अफवाह फैलाना राज्य में अराजकता और भ्रम की स्थिति पैदा कर राज्य के प्रशासन और शासन को प्रभावित कर रहा है। यह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने के लिए राजनीतिक द्वेष को भी प्रोत्साहित करता है। इसे रोका जाय।