बदलाव: जहां कभी नक्सलियों की लगती थी जन अदालत, उस पंचायत में पहली बार प्रखंड प्रशासन ने लगाया जनता दरबार
शशि शेखर/बरवाडीह
इसी कटिया गांव के जंगल में नक्सलियों ने जनवरी 2013 में सीआरपीएफ के नौ जवानों समेत कुल 10 सुरक्षाकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था।
लातेहार : बरवाडीह प्रखंड के जिस गणेशपुर पंचायत (कटिया अमवाडीह) में कभी नक्सलियों की जन अदालत लगती थी, उसी पंचायत में आज पहली बार प्रखंड विकास पदाधिकारी राकेश सहाय के नेतृत्व में प्रशासन की टीम ने आपकी सरकार, आपके अधिकार, आपके द्वार कार्यक्रम के तहत जनता दरबार लगाया।
इस कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन प्रखंड विकास पदाधिकारी राकेश सहाय, मुखिया बसंती देवी, सामाजिक कार्यकर्ता कन्हाई सिंह, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी अनिल कुमार रवि के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।
शिविर में जहां पहली बार पंचायत स्तर पर प्रशासन के सभी विभागों के स्टाल लगाए गए। जिसका लाभ देने को लेकर ग्रामीणों को प्रखंड विकास पदाधिकारी और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा जानकारियां उपलब्ध कराई गई।

वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा कोविड-19 के वैक्सीनेशन और जांच की प्रक्रिया करते हुए लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया। यह पहली दफा हुआ होगा जब प्रखंड प्रशासन का पूरा महकमा एक साथ गणेशपुर पंचायत क्षेत्र में पहुंच कर ग्रामीणों के बीच उनके अधिकारों को बताने और देने का काम किया गया होगा।
सरकार की योजनाओं को लेकर प्रखंड प्रशासन की पूरी टीम के पहुंचने से ग्रामीणों में काफी खुशी और उत्साह का माहौल था। वहीं प्रखंड विकास पदाधिकारी राकेश सहाय के द्वारा भयमुक्त माहौल में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन को सफल बनाने के लिए शिविर में शामिल पूरी टीम का के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया गया है।
आपको बता दें कि कटिया अमवाडीह वही गांव है जिस गांव के जंगल में जनवरी 2013 में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में माओवादियों ने घात लगाकर किए गए हमले में सीआरपीएफ के नौ जवानों समेत कुल 10 सुरक्षाकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था और 14 अन्य सुरक्षाकर्मियों को घायल कर दिया था।
इतना ही नहीं नक्सलियों ने पलामू के रहने वाले सीआरपीएफ जवान बैजनाथ किस्कू के शव पर आइईडी लगाकर उसके चीथड़े उड़ा दिए थे। जबकि इलाहाबाद के रहने वाले सीआरपीएफ की 112वीं बटालियन के जवान बाबूलाल पटेल का पेट चीरकर उसके भीतर आइईडी प्लांट किया और फिर से उसका पेट सिल दिया था। जिसकी चर्चा राष्ट्रीय ही नहीं अंतर्राष्टीय मंच पर भी हुई थी।