Breaking :
||भाजपा की मोटरसाइकिल रैली पर पथराव, कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट, कई घायल||झारखंड की तीन लोकसभा सीटों पर चुनाव प्रचार थमा, 20 मई को वोटिंग||पिता के हत्यारे बेटे की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त बंदूक बरामद समेत पलामू की तीन ख़बरें||चतरा लोकसभा क्षेत्र के नक्सल प्रभावित इलाके में नौ बूथों का स्थान बदला, जानिये||झारखंड हाई कोर्ट में 20 मई से ग्रीष्मकालीन अवकाश||पलामू: हार्डकोर इनामी माओवादी नीतेश के दस्ते का सक्रिय सदस्य गिरफ्तार||लातेहार: 65 हेली ड्रॉपिंग बूथ के लिए शुभकामनायें लेकर मतदान कर्मी रवाना||KIDZEE लातेहार के बच्चों ने मतदाताओं से की अपील- पहले मतदान, फिर कोई काम||पलामू में शौच के लिए निकली नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म, चार आरोपी गिरफ्तार||लातेहार अनुमंडल क्षेत्र में चुनाव के मद्देनजर चार जून तक धारा 144 लागू
Sunday, May 19, 2024
BIG BREAKING - बड़ी खबरझारखंडरांची

कैबिनेट सचिव ने साहिबगंज डीसी और मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार को समन पर ईडी को लिखा पत्र, भाजपा ने बताया हास्यास्पद

रांची : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के साहिबगंज डीसी रामनिवास यादव और मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू को किये गये समन पर कैबिनेट सचिव वंदना डाडेल ने ईडी को पत्र लिखा है। पत्र लिखकर उन मामलों की जानकारी मांगी है, जिनमें साहिबगंज के उपायुक्त राम निवास यादव को समन किया गया है।

सूत्रों के अनुसार ईडी को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि उस एफआईआर के बारे में अस्पष्टता है, जिसमें डीसी और मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू को समन किया गया था।

गौरतलब है कि कुछ समय पहले भी डीजीपी ने ईडी को ऐसा ही पत्र लिखा था, जब केंद्रीय एजेंसी ने अवैध खनन मामले में साहिबगंज में तैनात दो डीएसपी प्रमोद मिश्रा और राजेंद्र दुबे को तलब किया था।

दूसरी ओर कैबिनेट की बैठक में गत 9 जनवरी को एक प्रस्ताव पास किया गया, जिसमें कोई भी बाहरी जांच एजेंसी के बुलावे पर अब झारखंड के पदाधिकारी को सीधा जांच एजेंसी के समक्ष उपस्थित होने को नहीं कहा गया है।

रांची : कैबिनेट सचिव वंदना डाडेल के ईडी को चिट्ठी लिखे जाने के मामले पर भाजपा ने गुरुवार को तंज कसते हुए इसे हास्यास्पद करार दिया। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाडंगी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुवाई में महामिलावटी दलों के ठगबंधन कैबिनेट ने भ्रष्टाचारियों को शेल्टर देने का सरकारी उपाय ढूंढ लिया है। इससे ईडी और केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई को लटकाया, अटकाया और भटकाया जा सके।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र की भ्रष्टाचार रोधी एजेंसियों की कार्रवाई का भय सरकार पर हावी है। इसका प्रतिफल है कि उटपटांग प्रस्ताव कैबिनेट में पारित की जा रही है। केंद्र की ईडी, सीबीआई सरीखे एजेंसियों से इतना ही परहेज है तो हेमंत सोरेन नित झारखंड सरकार को केंद्र सरकार की योजनाओं और करोड़ों-अरबों रुपये के फंड से भी दूरी और परहेज रखनी चाहिये।

कुणाल षाडंगी ने कहा कि कांग्रेस नित केंद्र की यूपीए गठबंधन सरकार के शासन में वर्ष 2012 में पीएमएलए एक्ट पारित हुई था। इस कानून में यह स्पष्ट प्रावधान है कि ईडी को यह विशेष शक्तियां दी गई है कि वह वित्तीय गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार के मामलों में सीधे जांच कर सकती है, उसे किसी से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। इसलिए संघीय ढांचे में संवैधानिक परिवर्तन कि जो नियम लोकसभा में पारित हुआ हो उसको राज्य के स्तर पर बदला जाना न केवल पहली घटना है, बल्कि निहायत ही हास्यास्पद और दुर्भाग्यपूर्ण भी है।

Jharkhand Breaking News Today