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Friday, March 29, 2024
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झारखंड: द्रौपदी मुर्मू को झामुमो का समर्थन से विपक्ष में बड़ा फूट, आज कांग्रेस की अहम बैठक, राज्यसभा चुनाव के बाद कांग्रेस को दूसरा बड़ा झटका

रांची : एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को महाराष्ट्र की शिवसेना और झारखंड मुक्ति मोर्चा का समर्थन मिला, जिससे विपक्ष में फिर से फूट पड़ गई। ताजा घटनाक्रम में बन रही नई राजनीतिक व्यवस्था के बीच कांग्रेस आज अहम बैठक करेगी।

झारखंड में कांग्रेस की मदद से झामुमो की सरकार बनी है। पहले उम्मीद की जा रही थी कि झामुमो आम विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन करेगा, लेकिन आदिवासीवाद और झारखंड के पूर्व राज्यपाल के मुद्दे पर एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करना उचित समझा। इसी के साथ झामुमो के द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में आने के बाद उनका वोट शेयर बढ़कर 60 फीसदी से ज्यादा हो गया है।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराष्ट्र में शिवसेना द्वारा झारखंड में झामुमो से द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा के बाद कांग्रेस ने झामुमो से संबंधों पर चर्चा के लिए शुक्रवार को रांची में बैठक बुलाई है। इसमें मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम और समीकरणों पर चर्चा की जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले एक महीने के दौरान यह दूसरी बार होगा, जब झारखंड में कांग्रेस को झटका लगा है।

मीडिया की रिपोर्ट में यह कहा गया है कि पिछले महीने संपन्न हुए राज्यसभा चुनाव में भी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने एकतरफा फैसला करते हुए अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दिया था। हालांकि, इस सीट पर कांग्रेस अपनी दावेदारी जता रही थी। उस वक्त भी कांग्रेस ने अपने तेवर दिखाए थे, लेकिन गठबंधन बना रहा. इस बार जब राष्ट्रपति चुनाव में प्रत्याशियों के समर्थन देने की बात सामने आई, तब झामुमो ने विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को समर्थन देने की बजाय द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देना ज्यादा उचित समझा। समर्थन के ऐलान के बाद झारखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने पार्टी के सभी मंत्रियों की बैठक बुलाई है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी।

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आपको बता दें कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को अपनी पार्टी के समर्थन की घोषणा की। आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले मुर्मू का समर्थन बढ़ता ही जा रहा है। वहीं विपक्ष में एक ताजा फूट देखने को मिली है जिसने यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया है। इससे द्रौपदी मुर्मू भारी होती नजर आ रही हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि शिवसेना का समर्थन मिलने के बाद राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने वाली पार्टियों का वोट शेयर 60 फीसदी को पार कर गया है।