Saturday, October 5, 2024
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लातेहार: जल जीवन मिशन योजना में बड़ा घोटाला, अधिकारी व संवेदक की मिलीभगत से घर-घर पानी पहुंचाये बिना पूरी राशि की हो गयी निकासी

कौशल किशोर पांडेय/मनिका

हर घर नल जल पहुंचा नहीं काम हो गया फाइनल

लातेहार : एक तरफ सरकार हर घर में स्वच्छ पानी पहुंचाने की महत्वाकांक्षी योजना चलाकर लोगों को लाभान्वित करना चाहती है। वहीं मनिका प्रखंड के नामुदाग पंचायत के सधवाडीह गांव में संवेदक व अधिकारियों की मिलीभगत से जल जीवन मिशन योजना में बड़ा घोटाला सामने आया है।

Kidzee Latehar
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23 जल मीनार लगे लेकिन नहीं हुआ पानी का सप्लाई

सधवाडीह गांव में 419 घर हैं। यह आदिवासी खरवार बहुल गांव हैं। इस गांव की आबादी लगभग ढाई हजार है। यहां कुल 23 जल मीनार लगाकर सभी घरों में कनेक्शन देकर पानी पहुंचाने का काम किया जाना था। हद तो तब हो गयी जब योजना क्रियान्वयन के बिना ही सारी राशि की निकासी कर ली गयी और ग्रामीण ठगे महसूस कर रहे हैं। गांव के स्कूल टोला में तीन जल मीनार, बरटोला, छत्तासेमर, अमवाटांड़ में एक एक, कुसुमटांड़ में चार जल मीनार, नावाटोली में तीन, महतो टोला में एक, पहनाई में एक, बरवागढ़ा में दो, कोयली टोंगरा में एक, बैगा टोली में एक, नीम टांड़ में एक, पीपरगढ़ा में एक जल मीनार लगाया गया था।

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कुएं से पानी भरने को विवश हैं ग्रामीण

ग्रामीण टीभाली सिंह ने बताया कि गांव के एक भी घर में नल जल योजना का पानी नहीं जा रहा है। उसने बताया कि पहनाई और छाता सेमर टोला लगे जल मीनार से पानी मिल रहा है। इसके अलावा कहीं भी पानी घर में नहीं जा रहा है। वहीं कपिल देव कुमार ने कहा कि स्कूल टोला में एक भी घर में पानी नहीं जा रहा है। हम लोगों को कुएं से पानी भर के काम करना पड़ता है। ग्रामीण बसंत सिंह को साइकिल पर पानी का जार ले जाते हुए देखा गया, पूछे जाने पर उसने बताया कि हम लोगों को कहीं भी पानी नहीं मिला है। कुएं से पानी ले जाकर घर का काम करते हैं।

स्कूल टोला के लोग आज भी एक ही कुएं पर हैं आश्रित

सधवाडीह गांव का स्कूल टोला आज भी कुएं का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। ग्रामीण विनोद सिंह, सुंदर सिंह, नवल सिंह, सकुंती देवी, फुलवा देवी, लक्ष्मणिया देवी समेत कई ग्रामीणों ने बताया कि हम लोगों के घर में एक बूंद भी पानी नहीं आता है। जल मीनार बेकार पड़ा हुआ है। उस पर पानी भी नहीं चढ़ता है। हम लोग पास के ही कुएं के पानी से अपने रोजमर्रा का काम करते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि एक ही कुएं पर आश्रित होने के कारण कुएं का पानी गंदा हो जाता है किसी तरह से हम लोग गुजारा कर रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि अधिकारी और ठेकेदार काम करा करके भाग गये, पैसे भी निकाल लिए। हम लोग को पानी मिले चाहे नहीं मिले कौन देखने वाला है।

लाखों की योजना हुई बेकार, क्या होगा जल मीनार का

सधवाडीह गांव में लाखों रुपए से बने जल जीवन मिशन योजना पूरी तरह फेल साबित हुई। गांव में लोगों के घरों में जल नल का कनेक्शन तो मिला परंतु पानी के लिए तरसते रह गये। हालांकि संवेदक और अधिकारी के वारे न्यारे हुए परंतु सरकार की महत्वकांक्षी योजना पर पानी फिर गया। ग्रामीणों में बड़ा उत्साह था कि अब घर में ही पानी मिलेगा। लेकिन यह सपना चूर चूर हो गया।

क्या कहते हैं सांसद

स्थानीय सांसद सुनील कुमार सिंह ने उक्त संबंध में कहा कि मामले की जांच करायी जायेगी। केंद्र सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना को सही ढंग से क्रियान्वित नहीं करने वाले संवेदक और अधिकारियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा।

संवेदक और जेई के खिलाफ सरकार से करेंगे लिखित शिकायत : मुखिया

मुखिया दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि पूरे साधवाडीह गांव को जल जीवन मिशन योजना के ठेकेदार और पीएचईडी विभाग के जेई ने ठगने का काम किया है। उन्होंने कहा कि हमारे पंचायत के इस गांव में 23 जल मीनार लगाये गये हैं लेकिन 2 को छोड़कर किसी में पानी नहीं निकल रहा है। उन्होंने बताया कि संवेदक श्रीकांत तिवारी और जेई सतीश कुमार की मिलीभगत से आदिवासी बहुल गांव को ठगने का काम किया गया है। उन्होंने बताया कि 31 मार्च 2023 को संवेदक श्रीकांत तिवारी ने 9 योजनाओं का कुल राशि 9064193 में से 8207211 रुपये की निकासी बैंक ऑफ इंडिया डोरंडा, रांची ब्रांच से कर ली है। उन्होंने बताया कि इसी तरह से अन्य योजनाओं में भी निकासी कर ली गयी है। लेकिन ग्रामीणों को किसी तरह से लाभ नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि इसकी लिखित शिकायत सरकार व वरीय अधिकारियों से करेंगे।

क्या कहते हैं जेई

इस मामले में पूछे जाने पर विभाग के जेई सतीश कुमार ने बताया कि पानी का कनेक्शन सभी घरों में दिया गया है। पानी नहीं जा रहा है तो हम क्या कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जल मीनार पर पानी ही नहीं चल रहा है तो पानी कैसे जायेगा। उन्होंने कहा कि जल सहिया से इसकी रिपोर्ट लेंगे। योजना की राशि निकासी के संबंध में पूछने पर उन्होंने कहा कि संवेदक ने योजना की राशि निकासी की है, लेकिन 5 साल के मेंटेनेंस की राशि नहीं निकाली है।