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Friday, April 26, 2024
BIG BREAKING - बड़ी खबरझारखंड

माओवादियों की अपील, विश्व आदिवासी दिवस पर करें अत्याचार के खिलाफ संघर्ष

माओवादियों ने विश्व आदिवासी दिवस (9 अगस्त) पर आदिवासियों के जल, जंगल, जमीन, सशक्तीकरण के लिए संघर्ष को ऊंचा रखने और आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ संघर्ष करने का आह्वान किया है। इस संबंध में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा-माओवादी की केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है।

केंद्र सरकार पर लगाया आरोप

जारी विज्ञप्ति में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर नए वन संरक्षण नियम के विरोध में दंडकारण्य और बिहार-झारखंड में आदिवासी लोगों के संघर्ष के समर्थन में कार्यक्रम आयोजित करने की अपील की गई है। अभय ने आरोप लगाया है कि केंद्र और राज्य सरकार की गलत नीति के तहत आदिवासियों की जमीन उनसे छीनी जा रही है।

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भाकपा-माओवादी केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय ने कहा है कि भाजपा ने ऐसे समय में ओडिशा की द्रौपदी मुर्मू को भारत का राष्ट्रपति बनाया है जब देश इसे खत्म करने की प्रक्रिया में है। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की घोषणा के बाद भाजपा ने नया वन संरक्षण नियम अलोकतांत्रिक और संविधान के खिलाफ लाया।

आदिवासी जनता गिरिडीह जिले के पर्वतपुर गांव के पास, छत्तीसगढ़ राज्य के बिजानूर, सुकमा जिले के सिलिंगर और अन्य स्थानों पर लगाए गए पुलिस कैम्पों के खिलाफ लड़ रहे हैं।

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केंद्र और राज्य सरकार की गलत नीति के तहत आदिवासी लोगों की जमीनें छीनी जा रही हैं और यह प्रक्रिया देश के कई हिस्सों जैसे ओडिशा में नियमगिरी, महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में सुरजागढ़, छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में आमदई में की जा रही है। और झारखंड में अन्य स्थानों पर आदिवासी जनता को उनकी जमीन से वंचित किया जा रहा है।