झारखंड के 248 पारा शिक्षक गायब, 232 ने छोड़ी नौकरी, 5 दिसंबर तक मिला मौका
रांची: झारखंड के शिक्षा विभाग में चल रहे फर्जीवाड़े का अब धीरे-धीरे खुलासा हो रहा है। हालांकि इस मामले में कार्यवाही भी तेज हो गयी है। प्रदेश में यह खुलासा हुआ है कि बड़े पैमाने पर सहायक अध्यापक (पारा शिक्षक) फर्जी प्रमाण पत्रों पर काम कर रहे हैं। मामले का खुलासा होने के बाद ऐसे फर्जी लोग कड़ी कार्रवाई करने और नौकरी गंवाने के डर से नौकरी से भागने लगे हैं।
सैकड़ों पारा शिक्षक ऐसे हैं जो बिना प्रमाण पत्र जांच कराये स्कूल नहीं आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि इन शिक्षकों के सर्टिफिकेट फर्जी हो सकते हैं। इस कारण गिरफ्तारी, कार्रवाई व नौकरी जाने के डर से वे अपने प्रमाण पत्र की जांच कराने नहीं आ रहे हैं।
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बता दें कि इसके चलते प्रमाणपत्रों का सत्यापन शुरू होने के बाद से अब तक 232 पारा शिक्षकों ने नौकरी छोड़ दी है। वहीं, करीब 170 ने प्रमाण पत्र जमा नहीं किया है। माना जा रहा है कि ये सभी फर्जी काम कर रहे थे।
इसका खुलासा शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित बैठक में हुआ। स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव के रवि कुमार ने कहा कि बैठक में यह तथ्य सामने आया कि फर्जी प्रमाण पत्रों पर कार्यरत सहायक अध्यापक प्रमाणपत्र सत्यापन से पहले ही नौकरी छोड़ रहे हैं। अब तक 232 सहायक अध्यापकों ने नौकरी छोड़ दी है। इनकी संख्या और बढ़ने की संभावना है।
वहीं, प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए आवेदन नहीं करने वाले 170 सहायक अध्यापकों को 5 दिसंबर तक का मौका दिया जा रहा है। 5 दिसंबर तक प्रमाण पत्र जमा करें, अन्यथा जनवरी से मानदेय का भुगतान नहीं किया जाएगा। साथ ही उनकी सेवा समाप्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
प्रदेश के 248 सहायक अध्यापक गायब हो गए हैं। वह न तो स्कूल आ रहे हैं और न ही बच्चों को पढ़ा रहे हैं। विभाग ऐसे शिक्षकों की तलाश करेगा। शिक्षा सचिव ने बताया कि लापता 248 शिक्षकों की तलाश की जाएगी। वह स्कूल क्यों नहीं आ रहा है इसका पता लगाया जाएगा। यदि यह शिक्षक पाया जाता है तो वह बच्चों को पढ़ाने में लगा रहेगा, नहीं मिला तो उसे हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
ई-विद्या वाहिनी में प्रदेश के सभी शिक्षक अनिवार्य रूप से उपस्थिति दर्ज कराएंगे। जनवरी से ई-विद्या वाहिनी में ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने वाले शिक्षकों को वेतन व मानदेय का भुगतान किया जाएगा। यह शिक्षा सचिव ने स्पष्ट किया है। उन्होंने सभी सहायक अध्यापकों को आरजेडीई और डीएसई के माध्यम से ई-विद्या वाहिनी से ही उपस्थिति दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
अपनी उपस्थिति को उसी तरह चिह्नित करें जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी न हो। वहीं शिक्षा सचिव ने यह भी निर्देश दिया है कि 5 जनवरी के बाद कोई भी शिक्षक बीएलओ का काम नहीं करेगा। वह गैर-शैक्षणिक कार्य नहीं करेगा और उसे एक बार गुरु गोष्ठी में उपस्थित होना होगा।