15 ऐसे महत्वपूर्ण कानून और कानूनी अधिकार जो हर भारतीय को जरूर जानने चाहिए
भारत के संविधान में 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियाँ, 105 संशोधन और 117,369 शब्द हैं जो प्रत्येक व्यक्ति के अधिकारों का मार्गदर्शन, संरक्षण और सशक्तिकरण करते हैं। कानूनी अधिकार को किसी व्यक्ति की किसी भी कार्रवाई के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसे कानून द्वारा अनुमति दी जाती है और इसका उल्लंघन कानून द्वारा दंडनीय है। ये अधिकार बिना किसी भेदभाव के हर नागरिक को समान रूप से उपलब्ध हैं, लेकिन उनमें से बहुत कम ऐसे हैं जो आम जनता को पता हैं। यह स्पष्ट है कि भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है और इसे याद रखना मुश्किल है; इसलिए, कुछ महत्वपूर्ण अधिकार और कानून जिन्हें हर भारतीय को जानना चाहिए, तो आइये जानते हैं 15 ऐसे महत्वपूर्ण कानून और कानूनी अधिकार जो हर भारतीय को जरूर जानने चाहिए : –
15 महत्वपूर्ण कानून और कानूनी अधिकार :
पुलिस अधिकारी आपकी FIR लिखने से मना नही कर सकते, ऐसा करने पर उन्हें 6 महीने से 1 साल तक की जेल हो सकती है।
~ भारतीय दंड संहिता, 166A
कोई भी होटल चाहे वो 5 स्टार ही क्यों न हो, आपको फ्री में पानी पीने और वाशरूम का इस्तेमाल करने से नही रोक सकता है।
~ भारतीय सरिउस अधिनियम 1887
कोई भी शादीशुदा व्यक्ति किसी अविवाहित लड़की या विधवा महिला से उसकी सहमती से शारीरिक संबंध बनाता है तो यह अपराध की श्रेणी में नही आता है।
~ भारतीय दंड संहिता व्यभिचार, धारा 498
ड्राइविंग के समय यदि आपके 100ml ब्लड में अल्कोहल का लेवल 30mg से ज्यादा मिलता है तो पुलिस बिना वारंट आपको गिरफ्तार कर सकती है।
~ मोटर वाहन एक्ट, 1988, सेक्शन -185,202
किसी भी महिला को शाम 6 बजे के बाद और सुबह 6 बजे से पहले गिरफ्तार नही किया जा सकता है।
~ आपराधिक प्रक्रिया संहिता, सेक्शन 46
यदि दो वयस्क लड़का या लड़की अपनी मर्जी से लिव इन रिलेशनशिप में रहना चाहते हैं तो यह गैर कानूनी नही है और तो और इन दोनों से पैदा होने वाली संतान भी गैर कानूनी नही है और संतान को अपने पिता की संपत्ति में हक़ भी मिलेगा।
~ घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005
एक पुलिस अधिकारी हमेशा ही ड्यूटी पर होता है चाहे उसने यूनिफार्म पहनी हो या नही। यदि कोई व्यक्ति इस अधिकारी से कोई शिकायत करता है तो वह यह नही कह सकता कि वह पीड़ित की मदद नही कर सकता क्योंकि वह ड्यूटी पर नही है।
~ इंडियन पुलिस एक्ट, 1861
कोई भी कंपनी गर्भवती महिला को नौकरी से नहीं निकाल सकती, ऐसा करने पर अधिकतम 3 साल तक की सजा हो सकती है।
~ मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961
मोटर वाहन अधिनियम की धारा 129 में वाहन चालकों को हेलमेट लगाने का प्रावधान है। मोटर वाहन अधिनियम की धारा 128 में बाइक पर दो व्यक्तियों का बैठने का प्रावधान है। लेकिन ट्रैफिक पुलिस के द्वारा गाड़ी या मोटरसाइकिल से चाबी निकालना बिलकुल ही गैर कानूनी है इसके लिए आप चाहें तो उस कांस्टेबल/अधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी कर सकते हैं।
~ मोटर वाहन अधिनियम
टैक्स उल्लंघन के मामले में, कर वसूली अधिकारी को आपको गिरफ्तार करने का अधिकार है लेकिन गिरफ्तार करने से पहले उसे आपको नोटिस भेजना पड़ेगा। केवल टैक्स कमिश्नर यह फैसला करता है कि आपको कितनी देर तक हिरासत में रहना है।
~ आयकर अधिनियम, 1961
केवल महिला पुलिसकर्मी ही महिलाओं को गिरफ्तार कर थाने ला सकती है। पुरुष पुलिसकर्मियों को महिलाओं को गिरफ्तार करने का अधिकार नहीं है। इतना ही नहीं महिलायें शाम के 6 बजे से सुबह के 6 बजे के बीच पुलिस स्टेशन जाने से मना कर सकती हैं। एक गंभीर अपराध के मामले में मजिस्ट्रेट से लिखित आदेश प्राप्त होने पर ही एक पुरुष पुलिसकर्मी किसी महिला को गिरफ्तार कर सकता है।
~ दंड प्रक्रिया संहिता,1973
यदि आप किसी कंपनी से किसी त्यौहार के मौके पर कोई गिफ्ट लेते हैं तो यह रिश्वत की श्रेणी में आता है। इस जुर्म के लिए आपको सजा भी हो सकती है।
~ विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (FCRA) 2010
कोई भी दुकानदार किसी उत्पाद के लिए उस पर अंकित अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक रुपये नही मांग सकता है परन्तु उपभोक्ता, अधिकतम खुदरा मूल्य से कम पर उत्पाद खरीदने के लिए दुकानदार से भाव तौल कर सकता है।
~ अधिकतम खुदरा मूल्य अधिनियम, 2014
यदि आपका ऑफिस आपको सैलरी नही देता है तो आप उसके खिलाफ 3 साल के अन्दर कभी भी रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं। लेकिन यदि आप 3 साल के बाद रिपोर्ट करते हैं तो आपको कुछ भी हासिल नही होगा।
~ परिसीमा अधिनियम, 1963
यदि आप सार्वजनिक जगहों पर “अश्लील गतिविधि” में संलिप्त पाये जाते हैं तो आपको 3 महीने तक की कैद भी हो सकती है। परन्तु “अश्लील गतिविधि” की कोई स्पष्ट परिभाषा नही होने के कारण पुलिस इस कानून का दुरूपयोग करती है।
~ भारतीय दंड संहिता की धारा 294
साभार – राष्ट्रीय अपराध जांच ब्यूरो (National Crime Investigation Bureau (NCIB))
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