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Monday, May 20, 2024
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“बूढ़ा पहाड़ विकास परियोजना” नामक पुस्तक में नक्सलवाद से मुक्त होने के बाद चलाये जा रहे विकास योजना की पूरी जानकारी

रांची : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को सचिव अमिताभ कौशल ने “बूढ़ा पहाड़ विकास परियोजना” नामक पुस्तक समर्पित की। इस पुस्तक में गढ़वा और लातेहार जिला तथा छत्तीसगढ़ के सीमा से सटे लगभग 30 किलोमीटर की परिधि में फैले बूढ़ा पहाड़ इलाके के नक्सल मुक्त होने के उपरांत यहां चलायी जा रही विकास योजना की पूरी जानकारी है। इस पुस्तक को तैयार करने में गढ़वा और लातेहार के उपायुक्त का अहम योगदान है।

बूढ़ा पहाड़ इलाके का किया गया है व्यापक सर्वेक्षण

ज्ञात हो कि बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र का समग्र विकास राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री के निर्देश पर पहाड़ विकास परियोजना के रूपरेखा के निरूपण के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया। इस समिति द्वारा दिये गये निर्णय के आलोक में बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र अंतर्गत कुल 27 गांव का सर्वेक्षण कर सामाजिक एवं आधारभूत संरचनाओं का आकलन कराया गया। इसी प्रकार बूढ़ा पहाड़ अंतर्गत कुल 3809 परिवारों का सर्वेक्षण कर विभिन्न सामाजिक एवं आर्थिक पैमानों पर आवश्यकताओं का आकलन किया गया। वहीं, बूढ़ा पहाड़ प्रक्षेत्र के अंतर्गत रहने वाले कुल 19,836 व्यक्तियों का भी व्यक्तिगत सर्वेक्षण कर उनके कल्याण और विकास की रणनीति बनायी गयी। इस प्रकार जमीनी स्तर पर ग्राम स्तरीय सर्वेक्षण, परिवार स्तरीय सर्वेक्षण और व्यक्तिगत सर्वेक्षण के आधार पर प्रतिवेदन तैयार किया गया और उसी के अनुरूप पूरे इलाके में विकास योजनायें संचालित की जा रही हैं। इस पुस्तक में इसका समग्र उल्लेख है।

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